हम क्यों मनाते हैं बाल दिवस ? | Happy Children Day 2017

Showing posts with label प्लास्टिक कप रोग का कारण. Show all posts
Showing posts with label प्लास्टिक कप रोग का कारण. Show all posts

Tuesday, 5 April 2016



 देश में एक वक्त ऐसा था, जब सार्वजनिक स्थलों से लेकर वैवाहिक कार्यक्रमों में चाय के लिए मिट्टी के कुल्हड़ों का चलन था। उपयोग के बाद आसानी से

नष्ट होने के चलते ईको फ्रेंडली भी होते हैं। जबकि प्लास्टिक को गलने में लंबा वक्त लगता है। जिससे हमारा पर्यावरण भी दूषित होता है। कई बार जानवर

प्लास्टिक खाने से अनायास ही मौत के मुंह में चले जाते हैं। दूषित वातावरण से छुटकारा और सेहत की सुरक्षा की अनदेखी न करते हुए पारंपरिक तरीकों को

अपनाने में परहेज नहीं करना चाहिए। कुल्हड़ों के उपयोग के लिए लोगों में जागरूकता के बीज बोने होंगे और प्लास्टिक की वस्तुओं पर निर्भरता भी कम

करनी होगी। साथ ही कुम्हारों को भी उचित पारिश्रमिक देकर मिट्टी के कप के बनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा तभी वैकल्पिक रास्ते की खोज की जा

सकती है।
तेज रफ्तार दौड़ती जिंदगी के बीच गर्म चाय की चुस्की राहत तो देती है लेकिन अगर आप चाय का मजा प्लास्टिक के कप में ले रहे हैं तो सावधान हो

जाइए। प्लास्टिक के कप में लगातार चाय या दूसरी गर्म चीज पीने से खतरनाक एलिमेंट आपके शरीर के अंदर पहुंचते हैं। आप प्लास्टिक के कप में चाय

नहीं, बल्कि 'गर्म जहर' पी रहे हैं जिसमें केमिकल्स मिले होते हैं जो आपकी बॉडी को अंदर से बीमार बना रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लास्टिक के कप और बोतल में बिस्फिनॉल-ए और डाईइथाइल हेक्सिल फैलेट जैसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो कैंसर, अल्सर और

स्किन रोगों का कारण बन रहे हैं। अब तो यह भी खुलासा हुआ है कि प्लास्टिक के बोतल में दवा भी सेफ नहीं है।
रॉकलैंड अस्पताल के डॉक्टर एम. पी. शर्मा कहते हैं कि जो लोग घर में प्लास्टिक के कप में चाय-कॉफी या फिर प्लास्टिक की थाली में खाना खाते हैं वह

काफी खतरनाक है। प्लास्टिक के कप और प्लेट में बिस्फिनॉल-ए और डाईइथाइल हेक्सिल फैलेट जैसे केमिकल्स पाए जाते हैं, जो गर्म पानी या चाय के

प्लास्टिक के कॉन्टैक्ट में आने से टूटने लगते हैं और आपकी बॉडी में एंट्री करते हैं। वहीं जो लोग प्लास्टिक की बोतल में पानी रखते हैं और उसे लगातार

पीते हैं, उनके लिए भी खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि बार-बार धोने से भी प्लास्टिक की बोतल में से केमिकल्स निकलने लगते हैं। जैसे ही ये केमिकल्स बॉडी

में मिलते हैं, शरीर में हॉर्मोनल इम्बैलेंस, कैंसर और अल्सर का खतरा पैदा हो जाता है।
जितना गर्म उतना खतरा
डॉ. दास ने बताया कि ज्यादा गर्म चीजों के प्लास्टिक के कप या प्लेट में पीने-खाने से टॉक्सिक आइटम्स के बॉडी में पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है। गर्म

खाने से प्लास्टिक या कॉफी के जरिए बॉडी में आकर बीमारियां फैलाते हैं। उन्होंने बताया कि बिस्फिनॉल-ए डाउन सिंड्रोम और मानसिक विकलांगता को जन्म

देता है। एक हफ्ते प्लास्टिक की बोतल का यूज से उससे टॉक्सिक एलिमेंट आने लगता है, वहीं धूप में गर्म होने से भी ऐसा तुरंत होने लगता के कप या

थाली में मौजूद केमिकल्स टूटते हैं और चाय है। इसलिए बेहतर तो यह होगा कि प्लास्टिक की बोतल का यूज ही न करें और अगर करें तो इसे यूज करके

तुरंत फेंक दें। —

Categories

Powered by Blogger.

Social Icons

.

Featured Posts

.

Follow us Facebook

Health Beauty Tips

Popular Posts