हम क्यों मनाते हैं बाल दिवस ? | Happy Children Day 2017

Tuesday, 24 October 2017

जानिये, कौन हैं छठ माता और क्यों की जाती है इनकी पूजा | Chhath Puja 2017:







क्यों मनाया जाता है छठ पूजा का पर्व || Chhath Puja 2017 | Chhath Wallpaper, Images:








Tuesday, 5 September 2017

शुगर को जड़ से खत्म करने का तरीका:




भारतीय पाक कला में मसालों के इस्तेमाल का अलग ही महत्व है। मसाले न सिर्फ स्वाद बढ़ाने का काम करते हैं बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए भी बेजोड़ होते हैं। ये मसाले अपने आप में हमारे लिए बेहतरीन दवा का काम करते हैं। इन्ही मसालो में एक विशेष हैं काला जीरा। हर रोज़ सिर्फ दो ग्राम की मात्रा में काला जीरा खाने से मधुमेह में विशेष लाभ होता हैं। काला जीरा शरीर के सभी अंगों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है और इसके उपयोग से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं। आज हम आपको विशेष रूप से मधुमेह यानी शुगर में होने वाले लाभो पर चर्चा करेंगे

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काला जीरा दो प्रकार से मधुमेह को नियंत्रित करता हैं।

काला जीरा पैंक्रियास को उत्तेजित कर के अधिक इन्सुलिन का निर्माण करवाता हैं। जिस से शरीर में मौजूद ग्लूकोस शरीर के cell (उत्तकों) द्वारा आसानी से ग्रहण कर लिए जाते हैं। ऐसा इसमें मौजूद थायमोक़्यीनॉन के कारण होता हैं। जिस से प्राकृतिक रूप से शरीर में रक्त शर्करा का लेवल कम हो जाता हैं।

Advanced Glycation end products (AGE) जो सीधे तौर पर बहुत सारी डी जेनेरटिव बीमारियो का कारण हैं जिनमे विशेष तौर पर मधुमेह, atherosclerosis , chronic renal failure, अल्ज़ाइमर हैं। और इस से किडनी और लिवर को भी बहुत अधिक नुक्सान पहुंचता हैं। काला जीरा सीधे सीधे इस Advanced Glycation end products (AGE) को बनने से रोक कर इन सब बीमारियो से बचाता हैं।

काला जीरे के सेवन से मधुमेह के कारण हुए आँखों के रोग विशेष कर मोतियाबिंद और दृष्टि मंदता में भी लाभ पहुँचता हैं।

काला जीरा के कुछ अन्य विशेष गुण।

1. खून की कमी यानी एनीमिया:
जीरे में आयरन भरपूर मात्रा में होता है जिससे यह खून की कमी यानी एनीमिया को दुरुस्त करता है और रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।

2. दमा (अस्थमा) में:
यह शरीर में ऑक्सीजन का सभी हिस्सों में पहुंचना सुचारु करता है। दमे के मरीजों को इसके भरपूर लाभ मिलते हैं। इसमें थायमोक़्यीनॉन नामक एक खास तत्व होता है जो दमे को रोकने बहुत कारगर है।

3. शरीर की गंदगी बाहर निकालने में।:
हमारे शरीर में विभिन्न कारणों से गंदगी आ जाती हैं जिन्हें शरीर पसीने और फुंसियों के रूप में बाहर निकालता है। जीरे का नियमित इस्तेमाल शरीर की शोधन करने की प्रक्रिया को तेज करता है और गंदगी मुंहासों और फुंसियों के तौर पर बाहर नहीं आती। आपकी त्वचा साफ और सुंदर बनी रहती है।

4. एग्ज़िमा और सोराइसिस में:
जीरे में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है जिससे यह त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत कारगर होता है। इसमें प्राकृतिक तेल होने के साथ साथ एंटी फंगल गुण होते हैं जिनसे त्वचा इंफेक्शन से बची रहती है। इसमें त्वचा संबंधी बीमारियों जैसे एग्ज़िमा और सोराइसिस को ठीक करने के गुण होते हैं। जीरा पाउडर को आप अपने फेसपैक में भी मिला सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला विटामिन ई त्वचा पर होने वाले उम्र के असर को कम करता है।

5. जीरा फेस पैक
जीरे के उपयोग से बना फेसपैक बहुत फायदेमंद होता है। इसे हल्दी के साथ मिक्स करके बनाया जाता है। जीरा पावडर और हल्दी को शहद के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सूखने तक रखना होता है। इससे त्वचा नर्म और उजली बनती है। जीरे के उपयोग से रूसी से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसे आप अपने तेल में थोड़ा गर्म करके इस गुनगुने तेल से सिर पर मसाज कीजिए और रूसी से छुटकारा पा लीजिए।

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Monday, 17 July 2017

सिर्फ भारत में ही नहीं, संतरा पूरे विश्व में पाया जाता है, विश्व के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग प्रकार के संतरे पाये जाते हैं! सर्दियों में संतरे जैसा फल, बहुत ही आसानी से उपलब्ध होता है। यह सिर्फ स्वाद की ही दृष्टि से नहीं, बल्कि स्वास्‍थ्‍य की दृष्टि से भी अच्छा होता है।


Top 10 Health Benefits Of Orange Juice:

Top 10 Health Benefits Of Orange Juice

1) उच्च रक्तचाप के मरीज़ के लिए:
संतरे में मैग्नीशियम और पोटैशियम अधिक मात्रा में होती है, इसलिए यह उच्चक्तचाप के मरीज़ों के लिए अच्छा‍ है।
2) कोल्ड और फ्लू से बचाव के लिए:
विटामिन सी की अधिक मात्रा होने के कारण, संतरे के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है और कोल्ड और फ्लू जैसे संक्रमण का खतरा कम होता है।

3) कैंसर का जोखिम कम: 
प्रतिदिन संतरे के जूस का सेवन से किसी भी प्रकार के कैंसर की संभावना कम होती है क्योंकि संतरे के जूस में एण्टीआक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।
4) गठिया के मरीज़ों के लिए:
गठिया के मरीज़ भी संतरे के जूस का सेवन कर सकते हैं। इससे किसी प्रकार के दर्द से आराम मिलता है और वज़न भी नियंत्रित रहता है।
5) घावों के भरने में:
संतरे के जूस में फोलेट पाया जाता है और फोलेट घावों को भरने में और नये सेल्स के निर्माण में मदद करता है।
ध्यान रखने योग्ये बातें:
● संतरे के जूस में कैलोरी अधिक मात्रा में होती है इसलिए इसका सेवन बहुत अधिक मात्रा में ना करें।
● खाना खाने के तुरंत बाद या खाना खाने से तुरंत पहले, संतरे का जूस का सेवन नहीं करना चाहिए।
● एसिडिटी के मरीज़ों को संतरे का जूस नहीं पीना चाहिए।
● जूस के सेवन का अर्थ यह नहीं है कि आप किसी भी जगह से या किसी भी समय जूस ले सकते हैं। जूस हमेशा किसी ऐसे स्थान से पीयें जहां सफाई से जूस बना सया जा रहा हो।

गर्भावस्था के दौरान अपनाएं यह डाइट चार्ट:

गर्भावस्था के दौरान अपने डायट चार्ट में जरूरी पोषक तत्वों को करें शामिल |
● गर्भवती होने के बाद नियमित व्यायाम अवश्य करें, इससे फिटनेस बनी रहती है।
● प्रेग्नेंट महिला को गर्भधारण के बाद 300 अतिरिक्त कैलोरी की होती है जरूरत।
● अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, आयर, कैल्शियम आदि जरूर शामिल कीजिए।
● ज्यादा भार न उठायें, ज्यादा काम करने से बचें और भरपूर आराम जरूर करें।


Diet chart during pregnancy month by month in Hindi:


● गर्भावस्था का समय महिलाओं के लिए आम तौर पर मिले-जुले अनुभव लेकर आता है, कभी उन्हें आने वाले शिशु की चिंता सताती है। इस दौरान आपको होने वाले बच्चे का भी ध्यान रखना पड़ता है। यदि आपने खान-पान या नियमित होने वाली जांच में अनियमितता बरती तो यह आप और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह हो |

● तो कभी यह अनुभव उनके लिए सुखदायी होता है। चिकित्सकों के परामर्श अनुसार महिलाएं आजकल आराम पर भी ध्यान देती हैं, लेकिन व्यायाम पर ध्यान नहीं देतीं। 

स्वस्थ व सुरक्षित गर्भावस्था में व्यायाम भी उतना ही आवश्यखक है, जितनी दूसरी बातें। आइए हम आपको उचित और अनुचित के बारे में जानकारी दे रहे हैं।


गर्भावस्था में देखभाल:

1) व्यायाम करें :
गर्भवती होने के बाद यदि आप नियमित व्यायाम कर रही हैं तो इससे आप न केवल फिट रहेंगी बल्कि सामान्य प्रसव की संभावना भी बढ़ेगी। इसलिए नियमित व्यायाम अवश्य करें, ज्यादा थकाऊ व्यायाम की जगह हल्के फुल्के व्यायाम ही करें। सैर करें, यह आसान भी है।

यदि आप गर्भावस्था से पहले से ही व्यायाम करती आ रही हैं, तो चिकित्सक और ट्रेनर से संपर्क के बाद ही व्यायाम की शुरूवात करें। व्यायाम करने से रक्त संचार सुचारु होता है, 

अंतिम चरण तक चलते-फिरने, उठने-बैठने में परेशानी नहीं होती, कब्ज़ की शिकायत दूर होती है और थकान भी कम होती है।

2) आपका खानपान :-

गर्भवती महिला को लगभग 300 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत होती है। इस दौरान आपको पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए, इसलिए अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, आयर, कैल्शियम आदि जरूर शामिल करें। यदि सुबह आपका जी मचलता है, तो पर्याप्त मात्रा में पानी पियें और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार खायें और अच्छी नींद लें। सुबह उठने के साथ ही नाश्ता ज़रूर करें।

3) इन बातों पर रखें नज़र :- 

● सुबह अचानक बिस्तर से ना उठें।
● आपकी त्वचा अत्यंत रूखी हो रही है, तो माश्चराइज़र का प्रयोग करें।
● कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शरीर में दर्द की शिकायत रहती है, ऐसा होने पर सोने से पहले शरीर की मालिश करें।
● ज्यादा भार न उठायें, काम करने से बचें और आराम भरपूर करें।

गर्भावस्था के दौरान सर्वश्रेष्ठ भोजन:

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Sunday, 16 July 2017

त्‍वचा पर अगर झुर्रियां पड़ने लगे तो समझ जाना चाहिये कि आप बूढी हो रही हैं। मगर अगर आपकी उम्र ज्‍यादा नहीं है और फिर भी चेहरे पर झुर्रियों का पता साफ चलता है तो सावधान हो जाएं। झुर्रियों को दूर करने के लिये किसी कॉस्‍मेटिक शॉप या पार्लर में जा कर पैसे फूंकने की बजाय अपनी डाइट में अच्‍छे पेय पदार्थ शामिल कीजिये।


Home Remedies For Reducing Wrinkles:


हेल्‍दी ड्रिंक ना केवल शक्‍ति देता है बल्कि झुर्रियों से भी लड़ने में सहायक होता है। एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटी एजिंग तत्‍व होने की वजह से ये जूस त्‍वचा के लिये काफी फायदेमंद होते हैं। हेल्‍दी पेय जैसे, दूध, पानी, टमाटर का रस, कॉफी, रेड वाइन आदि बडी़ ही आसानी से उपलब्‍ध होते हैं। इन्‍हें अपनी डाइट में शामिल कीजिये और देखिये कि आपके चेहरे पर कैसे निखार लाते हैं। अब आपको झुर्रियों से बिल्‍कुल भी डरने की आवश्‍यकता नहीं है।1

Energy Drink for avoid facial wrinkles:

1) दूध
रात को सोने जाने से पहले एक गिलास दूध जरुर पीजिये। इससे आपकी हड्डियां मजबूत बनेंगी और आपकी मासपेशियो को प्रोटीन मिलेगा। सुबह जब आप सो कर उठेंगी तो आप तरोताजा महसूस करेंगी।
2) पानी
आप जितना ज्‍यादा पानी पियेंगी आपकी त्‍वचा उतनी ही ज्‍यादा ग्‍लो करेगी। आपकी त्‍वचा में नमी पहुंचेगी और अभी और बाद में वह लटकने से बच जाएगी।
3) कॉफी
ब्रेकफास्‍ट के समय यदि आप ब्‍लैक कॉफी पीते हैं तो शरीर में शक्‍ति बढती है। काफी चेहरे को हसीन और चमकदार बनाती है क्‍योंकि इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो कि चेहरे पर ज्‍लद झुर्रियां नहीं पडने देता।
4) ग्रीन टी
इसमें ढेर सारा एंटी ऑक्‍सीडेंट पाया जाता है जिससे स्‍किन पर झुर्रियां नहीं पडती। दिन भर में दो कप ग्रीन टी पीने से रक्‍त अंदर से साफ होगा जिससे आप पाएगीं बेदाग और निखी त्‍वचा। ग्रीन टी से चेहरे पर होने वाले मुंहासे और झाइयां दोनों ही दूर होते हैं।
5) रेड वाइन
डिनर के समय रेड वाइन पीजिये। इसमें एंटी एजिंग तत्‍व पाया जाता है जिससे चेहरा जवान बनता है।
6) टमाटर का रस
इसमें लाइकोपीन होता है जो कि एक एंटी ऑक्‍सीडेंट है। यह त्‍वचा को झुर्रियों से बचाता है और चमकदार त्‍वचा पाने में मदद करता है। आप टमाटर को कच्‍चा खा सकती हैं और इसका रस भी पी सकती हैं। इसका रस पीने से शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है।
7) गाजर
गाजर एक एंटी एजिंग की तरह कार्य करता है। इसमें पाया जाने वाला ढेर सारा बीटा केरोटीन, एंटीऑक्‍सीडेंट हमारे शरीर की कोशिकाओं की मरम्‍मत करता है। इससे कोशिकाओं की उम्र काफी देर से घटती है और शरीर पर झुर्रियां नहीं पडतीं।
8) संतरा
यदि आप प्रतिदिन एक संतरे का सेवन करती हैं, तो इससे झुर्रियां रोकने में मदद मिल सकती है। इसमें कोलाजेन नामक प्रोटीन त्वचा को लचीला बनाए रखने में मदद करता है और विटामिन सी त्‍वचा को बूढा होने से रोकता है।
क्‍या आप हर दिन हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट करती हैं। अगर नहीं तो आप दिन भर की एनर्जी पाने के लिए क्‍या करती हैं, फल खाती हैं, स्‍प्राउट खाती हैं, या फिर मिल्‍क लेती हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे से पता चलता है कि महिलां अपने दिनचर्या के काम में सुबह से इतना ज्‍यादा व्‍यस्‍त हो जाती हैं कि वे सुबह का नाश्‍ता नहीं कर पाती हैं जिसके कारण उन्‍हे कमजोरी आने लगती है क्‍योंकि उनके शरीर में पर्याप्‍त मात्रा में ऊर्जा का संचार नहीं हो पाता है।




Top 10 Energy Boosting Foods for Women:


सुबह के नाश्‍ते की ऊर्जा आपको सारा दिन शक्ति प्रदान करता है। ऐसे में नाश्‍ता जरूर करिए। अगर आप किसी कारणवश नाश्‍ता समय से नहीं कर पाती हैं तो ऐसे भोजन को लें जो आपके शरीर को भरपूर ऊर्जा दें। 

आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फूड के बारे में, जो आपके शरीर को भरपूर ऊर्जा देगें:

1) कार्बोहाइड्रेट:
शरीर में पर्याप्‍त मात्रा में ग्‍लूकोज की पूर्ति कार्बोहाइड्रेट ही कर पाता है। इसलिए हर दिन आलू या सफेद आटे का सेवन करें।
2) ब्राउन राइस:
सफेद चावल की अपेक्षा ब्राउन राइस का सेवन ज्‍यादा फायदेमंद होता है। इससे शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है।
3) आलू:
आलू से शरीर में कार्बोहाइड्रेट मिलता है। शकरकंद भी आलू का एक प्रकार होता है इसमें ऊर्जा भरपूर मात्रा में होती है। साथ ही साथ इसमें विटामिन ए और सी भी होता है।
4) शहद:
शहद में प्राकृतिक मिठास होती है जो शरीर को ऊर्जा देती है। इससे शरीर में कैलोरी की मात्रा नहीं बढ़ती है।
5) सेब:
सेब में आयरन की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही साथ इसमें फाइबर भी बहुत ज्‍यादा होता है।
6) केला:
केला में बहुत एनर्जी होती है। यह आपके शरीर को इतनी ऊर्जा दे देता है कि आप सारा दिन बिना कुछ खाएं एनर्जीलेस फील नहीं करेगें। लेकिन अगर केले का सेवन काला नमक डालकर करें तो यह और ज्‍यादा फायदा करता है।
7) पालक:
पालक में विटामिन के भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा, इसमें आयरन भी काफी ज्‍यादा पाया जाता है। महिलाओं के शरीर के लिए पालक बहुत लाभकारी होती है।
8) बादाम:
बादाम में विटामिन ई बहुत ज्‍यादा होता है हर दिन पानी में भिगोकर पांच बादाम का सेवन करने से शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है।
9) अंडा:
अंडे को उबाल कर नमक डालकर खाने से शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है। इसमें प्रोटीन भी काफी अधिक मात्रा में होता है। अंडे से मिलने वाली ऊर्जा प्राकृतिक होती है और इससे कोई साइडइफेक्‍ट नहीं होता है।

Saturday, 15 July 2017

Green Tea पीने के फ़ायदे:


  • मोटापा घटाने में मदद करती है ग्रीन टी।
  •  एंटी-ऑक्‍सीडेंट से भरपूर होती है ग्रीन टी।
  •  दिल की सेहत के लिए भी इसका सेवन लाभकारी।
  •  ग्रीन टी में होती है कैंसररोधी तत्‍वों की भरमार।


Top 10 Benefits Of Drinking Green Tea in Hindi:


● ग्रीन टी स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत लाभदायक है। ग्रीन टी पीने से न केवल सामान्‍य बीमारियां दूर रहती हैं बल्कि कैंसर और अल्‍जाइमर के मरीजों के लिए यह फायदेमंद है। मोटापा कम करने में ग्रीन टी बहुत मदद करती है। ग्रीन टी पीने से आप तरोताजा महसूस करेंगे। ग्रीन टी को कैमिला साइनेंसिस की पत्तियों को खाकर तैयार किया जाता है। आइए हम आपको बताते हैं कि ग्रीन टी पीना हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कितना फायदेमंद है।

Top 10 Benefits Of Drinking Green Tea in Hindi



1) प्रतिरक्षा तंत्र में मजबूती
ग्रीन टी में विटामिन सी, पालीफिनोल्स के अलावा अन्य एंटीआक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो कि शरीर के फ्री रेडीकल्स को नष्ट कर इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाते हैं। दिन में तीन से चार कप ग्रीन टी शरीर में लगभग 300-400 मिग्रा पालीफिनोल पहुंचाती है, इससे शरीर में बीमारियां होने का खतरा कम होता है और शरीर रोग-मुक्‍त होता है।

2) कैंसर से रखें दूर
ग्रीन टी कैंसर के सेल को बढ़ने से रोकती है। ग्रीन टी मुंह के कैंसर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसके नियमित प्रयोग से पाचन नली और मूत्राशय के कैंसर की आशंका न के बराबर रहती है। इसलिए कैंसर के मरीजों के लिए ग्रीन टी रामबाण है।

3) दिल को दुरुस्‍त रखें
ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्‍म का स्‍तर बढ़ता है। जिसके कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा संतुलित रहती है। कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा संतुलित रहने से रक्तचाप सामान्य रहता है। ग्रीन टी खून को पतला बनाए रखती है जिससे खून का थक्का नहीं बन पाता। ग्रीन टी पीने से हार्ट अटैक आशंका बहुत कम रहती है।

4) वजन घटाए
मोटापा कम करने में ग्रीन टी बहुत मदद करती है। खाने के बाद एक कप ग्रीन टी पीने से पाचन की गति बढ़ जाती है। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन से कैलोरी खर्च करने की गति भी बढ़ जाती है। इसके कारण वजन कम होता है।

5) मुंह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद:
ग्रीन टी मुंह के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ग्रीन टी में ऑक्‍सीकरण रोधी पॉलीफिनॉल पाया जाता है जो मुंह में उन तत्‍वों को खत्‍म कर देता है जो सांस संबंधी परेशानियों के लिए जिम्‍मेदार होते हैं।

6) ब्‍लड शुगर को नियंत्रित करें:
ग्रीन टी शरीर में ग्‍लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करती है, और इन्‍सुलिन दवा के हानिकारक प्रभावो को कम करने में भी मदद करती है। यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड मेडिकल सेंटर के अनुसार ग्रीन टी शरीर में ना सिर्फ टाइप 1 डाइबिटीज को कम करता है बल्कि इसके बुरे प्रभाव को भी कम करता है।

ग्रीन टी पर हर रोज नए-नए शोध हो रहे हैं। ग्रीन टी कई रोगों के इलाज में रामबाण साबित हुई है। ग्रीन टी अल्‍जाइमर, पार्किंसन, मल्‍टीपल स्‍कलेरोज, कैंसर, मोटापा और हृदय संबंधी रोगों के लिए फायदेमंद है।

Friday, 14 July 2017

अनुलोम विलोम प्रणायाम करने से लाभ:

अनुलोम –विलोम प्रणायाम में सांस लेने व छोड़ने की विधि को बार-बार दोहराया जाता है। इस प्राणायाम को 'नाड़ी शोधक प्राणायाम' भी कहते है।


अनुलोम-विलोम प्रणायाम, जानें लाभ और करने की सही विधि:

● अनुलोम-विलोम को रोज करने से शरीर की सभी नाड़ियों स्वस्थ व निरोग रहती है। इस प्राणायाम को हर उम्र के लोग कर सकते हैं। वृद्धावस्था में अनुलोम-विलोम प्राणायाम योगा करने से गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें दूर होती हैं।

Anulom-Vilom Pranayama Steps And Benefits

अनुलोम विलोम कसे करावे:

● दरी व कंबल स्वच्छ जगह पर बिछाकर उस पर अपनी सुविधानुसार पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन अथवा सुखासन में बैठ जाएं।
● फिर अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नासिका के बाएं छिद्र से सांस अंदर की ओर भरे और फिर बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। उसके बाद दाहिनी नासिका से अंगूठे को हटा दें और सांस को बाहर निकालें।
● अब दायीं नासिका से ही सांस अंदर की ओर भरे और दायीं नाक को बंद करके बायीं नासिका खोलकर सांस को 8 की गिनती में बाहर निकालें।
● इस क्रिया को पहले 3 मिनट तक और फिर धीरे-धीरे इसका अभ्यास बढ़ाते हुए 10 मिनट तक करें। 
● 10 मिनट से अधिक समय तक इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
● इस प्रणायाम को सुबह-सुबह खुली हवा में बैठकर करें।
लाभ :- 
1) इससे शरीर में वात, कफ, पित्त आदि के विकार दूर होते हैं।
2) रोजाना अनुलोम-विलोम करने से फेफड़े शक्तिशाली बनतेहैं।
3) इससे नाडियां शुद्ध होती हैं जिससे शरीर स्वस्थ, कांतिमय एवं शक्तिशाली बनता है।
4) इस प्रणायाम को रोज करने से शरीर में कॉलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है।
5) अनुलोम-विलोम करने से सर्दी, जुकाम व दमा की शिकायतों में काफी आराम मिलता है।
6) अनुलोम-विलोम से हृदय को शक्ति मिलती है।
इस प्राणायाम के दौरान जब हम गहरी सांस लेते हैं तो शुद्ध वायु हमारे खून के दूषित तत्वों को बाहर निकाल देती है। शुद्ध रक्त शरीर के सभी अंगों में जाकर उन्हें पोषण प्रदान करता है।
7) अनुलोम-विलोम प्राणायाम सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं और सुविधानुसार इसकी अवधि तय की जा सकती है।
सावधानियां :- 
● कमजोर और एनीमिया से पीड़ित रोगियों को इस प्राणायाम के दौरान सांस भरने व छोड़ने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
● कुछ लोग समय की कमी के चलते जल्दी-जल्दी सांस भरने और निकालने लगते हैं। इससे वातावरण में फैला धूल, धुआं, जीवाणु और वायरस, सांस नली में पहुंचकर अनेक प्रकार के संक्रमण को पैदा कर सकते है।
● प्रणायाम के दौरान सांस की गति इतनी सहज होनी चाहिए। प्राणायाम करते समय स्वयं को भी सांस की आवाज नहीं सुनायी देनी चाहिए !
आयुर्वेद ने महिलाओं में 20 प्रकार के योनि रोग बताए हैं, जिनमें से कोई भी रोग स्त्री के बाँझपन का कारण हो सकता है। यूँ तो बन्ध्यत्व के कई कारण हो सकते हैं 

Ayurvedic treatment of infertility in hindi:




स्त्री बाँझपन तीन प्रकार का होता है-
पहला- आदि बन्ध्यत्व यानी जो स्त्री पूरे जीवन में कभी गर्भ धारण ही न करे, इसे प्राइमरी स्टेरेलिटी कहते हैं। 
दूसरा- काक बन्ध्यत्व यानी एक संतान को जन्म देने के बाद किसी भी कारण के पैदा होने से फिर गर्भ धारण न करना। एक संतान हो जाने के बाद स्त्री को बाँझ नहीं कहा जा सकता अतः ऐसी स्त्री को काक बन्ध्त्व यानी वन चाइल्ड स्टेरेलिटी…



मनुष्यों में एक वर्ष तक प्रयास करते रहने के बाद अगर गर्भधारण नहीं होता तो उसे बन्ध्यता या अनुर्वरता
कहते हैं। यह केवल स्त्री के कारण नहीं होती। केवल एक तिहाई मामलों में अनुर्वरता स्त्री के कारण होती है।

बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार:

दूसरे एक तिहाई में पुरूष के कारण होती है। शेष एक तिहाई में स्त्री और पुरुष के मिले जुले कारणों से या
अज्ञात कारणों से होती है।

अनुर्वरता के मुख्य कारण
लगभग 15% युगल अपनी पहली गर्भावस्था के प्रयास में विफल होते है यदि नए युगल संभोग के एक वर्ष के बाद भी गर्भावस्था को प्राप्त करने में असमर्थ होते है तो ऐसे रोगियों में बांझपन की समस्या हो सकती है परिभाषित. तथ्य यह है कि सभी बांझपन का सामना कर रहे जोड़ों का 60%, एक पुरुष कारक शामिल है. जबकि subfertility मामलों का लगभग 40% में अकेले पुरुष में और दूसरा 20% में दोनों पुरुष और महिला रहे हैं. कुछ शारीरिक दोषों के कारण (अल्पशुक्राणुता) गिनती और शुक्राणु की गुणवत्ता खराब हो जाती है जिसके कारण पुरुष बांझपन के लिए जिम्मेदार होते हैं कुछ कारण अस्पष्टीकृत होते है, जैसे गंभीर बीमारी, कुपोषण, आनुवंशिक असामान्यताएं, प्रदूषण, और भी कुछ दवाओं, हार्मोन और रसायनों के दुष्प्रभावों के मामलों के बाकी हिस्सों में जिम्मेदार हैं. (संक्षेप में, यह संख्या लेकिन शुक्राणु की गुणवत्ता कि प्रजनन क्षमता में महत्वपूर्ण है नहीं है).

पुरूष के सम्पूर्ण स्वास्थ्य एवं जीवन शैली का प्रभाव शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता
है। जिन चीज़ों से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता घटती है उस में शामिल हैं – मदिरा एवं ड्रग्स वातावरण का विषैलापन जैसे कीटनाशक दवाएं, धूम्रपान, मम्पस का इतिहास, कुछ विशिष्ट दवाँएं तथा कैंसर के कारण रेडिएशन।

*.अंडे की गुणवत्ता
*.अवरुद्ध अण्डवाही ट्यूबें
*.असामान्य हार्मोन के स्तर
*.जीवन शैली
*.यौन संचारित रोग
*.मोटापा
*.शुक्राणु बनने की समस्य – बहुत कम शुक्राणू या बिलकुल नहीं।
*.मदिरा, ड्रग्स एवं सिगरेट पीना
*.वातावरण का विषैलापन जैसे कीटनाशक दवाएं यौनपरक संक्रमण से अनुर्वरकता यौनपरक संक्रमण के कारणभूत जीवाणु गर्भाशय और ट्यूबों की ग्रीवा में प्रवेश पा सकते हैं और अण्डवाही ट्यूबों के अन्दर की त्वचा को अनावृत (नंगा) कर देते हैं हो सकता है कि अन्दर पस बन जाए। 

एन्टीबॉयटिक बगैरह खा लेने से यदि वह ठीक भी हो जाए तो भी हो सकता है कि ट्यूब के अन्दर की नंगी
दीवारें आपस में जुड़कर टूयूब को बन्द कर दें और अण्डे को या वीर्य को आगे न बढ़ने दें सामान्यतः गर्भ धारण के लिए अण्डा और वीर्य ट्यूबों में मिलते हैं तो उर्वरता होती है।
अधिक आयु
बच्चे को जन्म देने की सम्भावनाएं बढ़ती उम्र के साथ निम्न कारणों से घटती है
*.उर्वरण के लिए तैयार अण्डे के निष्कासन की सामर्थ्य में बढ़ती उम्र के साथ कमी आ जाती है।
बांझपन का इलाज
*.बढ़ती उम्र के साथ ऐसी स्वास्थ्यपरक समस्याएं हो सकती है जिनसे उर्वरकता में बाधा पड़े।
*.साथ ही गर्भपात की सम्भावनाएं भी बहुत बढ़ जाती हैं।
बांझपन की दशा में...
1 * सेमर की जड़ पीसकर ढाई सौ ग्राम पानी में पकाएं और फिर इसे छान लें। मासिक धर्म के बाद चार दिन तक इसका सेवन करें।

2.  50 ग्राम गुलकंद में 20 ग्राम सौंफ मिलाकर चबाकर खाएं और ऊपर से एक ग्लास दूध नियमित रूप से पिएं। इससे आपको बांझपन से मुक्ति मिल सकती है।

3 गुप्तांगों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। खाने में जौ, मूंग, घी, करेला, शालि चावल, परवल, मूली, तिल का तेल, सहिजन आदि जरूर शामिल करें।

4 * पलाश का एक पत्ता गाय के दूध में औटाएं और उसे छानकर पिएं। मासिक धर्म के बाद से पीना शुरू करें
और 7 दिनों तक प्रयोग करें।

5 * पीपल के सूखे फलों का चूर्णं बनाकर रख लें। मासिक धर्म के बाद 5-10 ग्राम चूर्णं खाकर ऊपर से कच्चा दूध पिएं। यह प्रयोग नियमित रूप से 14 दिन तक करें।

6 * मासिक धर्म के बाद से एक सप्ताह तक 2 ग्राम नागकेसर के चूर्णं को दूध के साथ सेवन करें। आपको
फाएदा होगा।

7 * 5 ग्राम त्रिफलाधृत सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है। जिससे महिला गर्भधारण करने के योग्य हो जाती है।
गर्भधारण हेतू कुछ उपाय
8 * तीन ग्राम गोरोचन, 10 ग्राम असगंध, 20 ग्राम गजपीपरी तीनों को बारीक पीसकर चूर्णं बनाएं। फिर पीरिएड के चौथे दिन से निरंतर पांच दिनों तक इसे दूध के साथ पिएं।

9 * महिलाओं को शतावरी चूर्णं घी – दूध में मिलाकर खिलाने से गर्भाशय की सारी विकृतियां दूर हो जाएंगीं और वे गर्भधारण के योग्य होगी।

10.. 10 ग्राम पीपल की ताज़ी कोंपल जटा जौकुट करके 500 मि.ली. दूध में पकाएं। जब वह मात्र 200 मि.ली. बचे तो उतारकर छान लें। फिर इसमें चीनी और शहद मिलाकर पीरिएड होने के 5वें या 6ठे दिन से खाना शुरू कर दें। यह बहुत अच्छी औषधि मानी जाती है।

Saturday, 1 July 2017

पपीते से त्वचा के काले धब्बे  को कैसे करे साफ?

कच्‍चे पपीते में एंजाइम होता है, जिसे रेगुलर त्‍वचा पर लगाने से बाल की जड़ कमजोर पड़ जाती है और धीरे धीरे बाल आना बंद हो जाते हैं।
यह फल बीएचएए के जरिए त्वचा की गंदगी और तेल को भी हटाता है, जो कि मुहांसे का मुख्य कारण है।
कच्‍चा पपीता, हल्‍दी, बेसन , शहद और ऐलोवेरा


त्वचा पर काले धब्बे तथा अनचाहे बालो से मुक्ति:



इस पैक को बनाने के लिये कच्‍चे पपीते के कुछ टुकडे़ ले कर पीस लें। फिर इसमें शहद, अलोवेरा का पल्‍प, 1 चुटकी हल्‍दी और बेसन मिक्‍स करें। इस पेस्‍ट को लगाएं और सूखने दें। फिर इसे धीरे धीरे मसाज़ करते हुए निकालें।
इसके बाद चेहरे को हल्के गर्म पानी से धो लें।
ऐसा कुछ ३-४ दिन लगातार करते रहे ..फिर सप्ताह में एक बार करे |
मात्रा -- जितनी जगह पर लगाना हो उसके अनुसार कम ज्यादा करे ..
पपीता +शहद+एलोवेरा बराबर मात्र में , हल्दी व् बेसन आधा-आधा चम्मच

अनचाहे बालों से हमेशा के लिए छुटकारा

अनचाहे बाल आयुर्वेद, चेहरे के बाल कैसे हटाए, अनचाहे बालों से मुक्ति, फेस के बाल खत्म करना
चेहरे पर बाल आना, अपर लिप के बाल हटाने के उपाय

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Friday, 30 June 2017

अपनाएं ये सदियों पुराने नुस्खे हमेशा जवान दिखने के लिए:

कौन नहीं चाहता कि वह हमेशा जवान बने रहें? प्रत्येक आदमी जवान दिखना चाहता है और इसके लिए कुछ लोग अपने डाइट पर ध्यान देते हैं तथा कुछ सर्जरी और बोटोक्स को अपनाते हैं। जवान दिखने के लिए यह सब की जरूरत नहीं है आप अपने रोज के डाइट में कुछ हेल्दी फूड्स को शामिल कर हमेशा जवान दिख सकते हैं।

हमेशा जवान दिखने के लिए क्या करें? :



What we do for always looking young? :

What we do for always looking young?

नीचे कुछ हेल्दी फूड्स दिये गए हैं जिसे खाकर आप रह सकते हैं हमेशा जवान-
दही- अपने भोजन में दही को शामिल करें क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो ऑस्टोपोरोसिस से बचाता है इसके अलावे इसमें गुड   बैक्टिरिया पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। यह बढ़ती उम्र में आंत की बीमारियों में फायदा पहुंचाता है।
मछली- मछली में ओमेगा-3 फैट्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो कोलेस्ट्रोल बनने से रोकता है। धमनियों को मजबूत करता है और असामान्य दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है। 
तरबूज- इस रसदार फल में लाइकोपीन पाया जाता है जो स्किन को चमकदार और सुंदर बनाता है। लाइकोपीन एक एंटीऑअक्सीडेंट होता है।  
खीरा- जवान दिखने के लिए आप अपने भोजन में खीरा को शामिल करें क्योंकि इसमें मिनरल सिलिका पाया जाता है। जो ऊतकों को मजबूती के लिए आवश्यक है। इसमें मैग्नेशियम, आयनिक पोटेशियम और विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
एवोकैडो (नाश्पाती जैसा फल)- इमसें ओलिक एसिड और ओमेगा-9 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एवोकैडो आपके स्किन को सॉफ्ट और मॉइस्चराइज़ बनाए रखता है।
इसलिए आप आपने भोजन में इन्हें शामिल करें। जिससे आप हमेशा जवान बने रह सकते हैं।

Thursday, 29 June 2017

ऑफिस में अपने साथ रखें ये 6 ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट:

अगर आप सोंचती हैं कि हर वक्‍त अच्‍छा दिखना आपके लिये संभव नहीं है , तो इस बात पर ज़रा फिर से विचार कर लें। हम हमेशा सैलून वाला लुक ले कर नहीं चल सकते लेकिन खुद को बुरा भी नहीं दिखा सकते। अगर आप जॉब करती हैं और ऑफिस के बाद आपको किसे मिलने जाना होता है या पार्टी आदि अटेंड करनी पड़ती है तो, उस दौरान अपने पर्स में हमेशा कुछ जरुरी मेकअप प्रोडक्‍ट रखने चाहिये।



● कई लड़कियों की आदत होती है कि वह अपने बैग में ढेर सारा बेकार का मेकअप प्रोडक्‍ट ले कर चलेंगी तो किसी की आदत होती है कि वह अपने बैग को बिल्‍कुल खाली रखेंगी। दोनों ही चीज़ें बुरी हैं। आइये जानते हैं अपने पर्स में लड़कियों को कौन से जरुरी मेकअप प्रोडक्‍ट रखने चाहिये।

ऑफिस में अपने साथ रखें ये 6 ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट

1) BB Cream :- 
हर प्रकार की त्‍वचा के लिये अलग अलग रंगों में आने वाली बी बी क्रीम चेहरे से दाग धब्‍बे हटा कर चेहरे को पूरा कवरेज देने में मदद करती है। यह एक छोटी ट्यूब में आती है इसलिये बैग में यह ज्‍यादा स्‍पेस नहीं लेगी। कहीं भी जाना हो, तुरंत बैग से बीबी क्रीम निकालिये और लगाइये।

2) प्रेस्‍ड पाउडर : (Pressed Powder)
अपने चेहरे से ऑयल हटाना हो तो, प्रेस्‍ड पाउडर का प्रयोग करें। इससे आप टच अप दे सकती हैं, जिससे चेहरे पर मेट लुक आ जाएगा।
3) लिपस्‍टिक ( Lipstick ) :- 
आपको नहीं पता कि आप को कब और किससे मिलना पड़ सकता है। इसलिये हमेशा तैयार दिखें। अपने पर्स में हमेशा अपने फेवरेट कलर का लिप ग्‍लॉस या लिपस्‍टिक रखें।
4) आईलैश कर्ल ( Eye - shadow ):-
अगर आप मस्‍कारा नहीं लगाती हैं तो अपने पर्स में आईलैश कर्ल संभाल कर रखें। इससे आंखों में एक नीट लुक आएगा और आप प्राकृतिक रूप से ही सुंदर दिखेंगी।
5) काजल ( Kajal ):-
काजल लगाने से चेहरे पर अच्‍छा निखार आ जाता है। इससे आप की आंखें थकान भरी नहीं लगतीं।
6) परफ्यूम ( Perfume ) :- 
पार्टी के लिये आपको अच्‍छा महकना जरुरी है। बैग में हमेशा एक छोटी बॉटल परफ्यूम

Wednesday, 28 June 2017

Make Yourself Beautiful Just in Few Minutes:

डार्क स्पॉट, फ्रेकल्स और बेजान त्वचा! मौसम के बदलाव के कारण त्वचा ने न जाने ऐसी कितनी समस्याएं झेली होंगी। लेकिन अब समय है उनसे निपटने और खोई हुई रंगत वापस पाने का।


एक हफ्ते में पाएं बेजान स्किन में जान:

● जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, स्किन टोन भी बदलती जाती है। झाइयां, रूखी त्वचा और डार्क स्पॉट साफनजर आने लगते हैं और त्वचा उतनी साफऔर गोरी नहीं रह जाती। उस पर सीजन का असर भी होता है। विंटर में सनस्क्रीन क्रीम शायद ही कोई इस्तेमाल करता है। साथ ही खुली ठंडी हवाएं त्वचा की ऊपरी परत को काफी हद तक नुकसान पहुंचाती हैं। कॉम्प्लेक्शन डल कर देती हैं। सामान्य और रूखी त्वचा पर खास तौर पर इनका असर होता है। इसलिए अगर आप अपनी रंगत को निखारना चाहती हैं तो ब्यूटी एक्सपर्ट अंबिका पिल्लै की ये ट्रिक्स अपनाइए और खोई हुई रंगत वापस पाइए।



1) सनब्लॉक :-
गोरी रंगत पाने का सबसे आसान उपाय है रोज सनब्लॉक का इस्तेमाल। इसलिए ऐसा मॉयस्चराइजर लें जिसमें एसपीएफ 15 या उससे भी अधिक हो। सुबह चेहरा धोने के बाद इसे लगाना न भूलें। सनब्लॉक न सिर्फ आपकी त्वचा को डार्क होने से बचाता है, नुकसानदेह यूवी किरणों से त्वचा के कैंसर और आकस्मिक झुर्रियों से भी बचाता है। अपने हाथों पर भी सनब्लॉक जरूर लगाएं।
2) एक्सफोलिएट :-
हफ्ते में एक बार एक्सफोलिएशन से त्वचा के डेड सेल्स निकल जाते हैं और वह गोरी-चमकदार हो जाती है। 2 टेबल स्पून ओटमील में 2 टेबल स्पून ब्राउन शुगर व 1/4 कप दूध मिलाकर पेस्ट बनाएं। इससे गोलाई में घुमाते हुए स्क्रब करें। धोकर मॉयस्चराइजर लगाएं।
3) मास्क पॉवर :-
गोरी रंगत पाने के लिए घर पर यह मास्क तैयार करें-चंदन पाउडर+नीबू का रस+टमाटर का रस+खीरे का रस बराबर मात्रा में लेकर पेस्ट बनाएं। चेहरे पर लगाकर सूखने दें। धोकर मॉयस्चराइजर लगाएं ताकि त्वचा की नमी बरकरार रहे।

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थाइरॉइड हमारे शरीर की कार्यपद्धति मे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर में होने वाली मेटाबॉलिज्म क्रियाओं में थाइरॉइड ग्रंथि से निकलने वाले थाइरॉक्सिन हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मेटाबालिज्म क्रियाओं से ये निर्धारित होता है कि शरीर में बनी ऊर्जा को कब स्टोर किया जाए और कब व कितना यूज किया जाए। इसीलिए शरीर में उपस्थित थाइरॉइड ग्लैंड में किसी भी तरह की अनियमितता होने पर पूरे शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इस ग्र्रंथि में अनियमितता होने पर सामान्यत: हाइपोथाइरॉइडिज्म, इपरथाइरॉइडिज्म, गठान होन या कैंसर होने जैसी समस्याएं होती है। अगर आपके साथ भी थाइरॉइड की ग्रंथि की अनियमितता से जुड़ी कोई समस्या हो तो नीचे लिखे प्राकृतिक उपायों को अपनाएं।



थाइरॉइड में अनियमितता के लक्षण-
हार्मोनल बदलाव- महिलाओं को पीरियड्स के दौरान थाइरॉइड की स्थिति में पेट में दर्द अधिक रहता है वहीं हाइपरथाइरॉइड में अनियमित पीरियड्स रहते हैं। थाइरॉइड की स्थिति में गर्भ धारण करने में भी दिक्कत हो सकती है।



मोटापा- हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में अक्सर तेजी से वजन बढ़ता है। इतना ही नहीं शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ जाता है। वहीं हाइपरथाइरॉइड में कॉलेस्ट्रॉल बहुत कम हो जाता है।

थकान, अवसाद या घबराहट- अगर बिना अधिक मेहनत करने के बाद भी आप थकान महसूस करते हैं या छोटी-छोटी बातों पर घबराहट होती है तो इसकी वजह थाइरॉइड हो सकती है।

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द- हाइपोथाइरॉडड यानी शरीर में टीएसएच अधिक और टी3,टी4 कम होने पर मांसपेशियों में जोड़ों में अक्सर दर्द रहता है।

गर्दन में सूजन- थाइरॉइड बढऩे पर गर्दन में सूजन की संभावना बढ़ जाती है। गर्दन में सूजन या भारीपन का एहसास हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

बालों और त्वचा की समस्या- खासतौर पर हाइपोथाइरॉइड की स्थिति में त्वचा में रूखापन, बालों का झडऩा, भौंहों के बालों का झडऩा जैसी समस्याएं होती हैं जबकि हाइपरथाइरॉइड में बालों का तेजी से झडऩा और संवेदनशील त्वचा जैले लक्षण दिखते हैं।

पेट खराब होना- लंबे समय तक कान्सटिपेशन की समस्या हाइपोथाइरॉइड में होती है जबकि हाइपरथाइरॉइड में डायरिया की दिक्कत बार-बार होती है।

अश्वगंधा- अश्वगंधा सबसे चमत्कारी दवा के रू प में कार्य करता है। अश्वगंधा का सेवन करने से थाइरॉइड की अनियमितता पर नियंत्रण होता है। साथ ही कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। अश्वगंधा के नियमित सेवन से शरीर में भरपूर ऊर्जा बनी रहती है साथ ही कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है।

समुद्री घास- समुद्री घास को भी थाइरॉइड ग्रंथि को नियमित बनाने केेे लिए एक रामबाण दवा की तरह काम करती है। समुद्री घास के सेवन से शरीर को मिनरल्स व आयोडिन मिलता है। इसीलिए समुद्री घास का सेेवन इस बीमारी मेें लाभदायक है। इसकेेे अलावा इससे मिलने वाले एंटीऑक्सीडें्स स्किन को जवान बनाएं रखते हैं।

नींबूं की पत्तियां- नींबू की पत्तियों का सेवन थाइरॉइड को नियमित करता हैं। दरअसल मुख्य रूप से इसका सेवन थाइरॉक्सिन के अत्याधिक मात्रा में बनने पर रोक लगाता है। इसकी पत्तियों की चाय बनाकर पीना भी इस बीमारी में रामबाण औषधि का काम करती है।

ग्रीन ओट्स- थाइरॉइड में ग्रीन ओट्स एक नेचुरल औषधि की तरह कार्य करता है। ये शरीर में हो रही थाइरॉक्सिन की अधिकता व उसके कारण हो रही समस्याओं को मिटाता है।

Fast Weight Loss Tips in Hindi:

हम लोग अक्सर अपनी निकलती हुई तोंद से परेशान रहते हैं और उसे कम करने के लिए कई तरह के जतन करते हैं। लेकिन अब आपको बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप इस आसान से बनने वाले जूस का सोने से पहले सेवन करके कर सकते हैं तोंद को गुड-बाय। चाहे मोटी से मोटी तोंद ही क्यों ना हो सिर्फ 1 ग्लास रात को पीने से वो हो जायेगी फुटबॉल से गेंद। 


मोटी से मोटी तोंद को भी होना पड़ेगा फुटबॉल से गेंद, सिर्फ 1 ग्लास रात को पिए:

सोने से पहले खीरे के जूस का सेवन करें। खीरे का जूस पेट को साफ करता है। इसके साथ ही यह फैट भी नहीं बढ़ाता है। इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है और और आपकी निकलती हुई तोंद को कंट्रोल करने में काफी लाभदायक होता है।



खीरे के जूस की सामग्री :

– दो खीरे
– दो छोटे चम्मच नींबू का रस  
– अदरक का एक छोटा टुकड़ा  
– दो छोटे चम्मच चीनी  
– एक छोटा चम्मच- भुना जीरा पाउडर 
– तीन से चार पुदीना पत्ती 
– काला व सफेद नमक स्वादानुसार 
खीरे का जूस बनाने की विधि :

खीरे को धोलें और छोटा छोटा काट कर छिलके सहित जूसर में डालें। अदरक और पुदीना भी जूसर में डाल दें और जूस निकाल लें। इसमें चीनी, नींबू का रस, भुना जीरा पाउडर, काला व सफेद नमक स्वादानुसार डालकर अच्छी तरह हिलाएं। फिर 1 ग्लास झट से गटक (पीना) जाए और इसका कमाल देखे, देखते ही देखते तोंद हो जायेगी फिट एंड फाइन।

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Tuesday, 27 June 2017

 रोज सवेरे एक गिलास ताजे टमाटर का जूस तैयार करें, दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें और सिर्फ़ एक महिने के अंदर चेहरे की रंगत देखिए, आईना शरमा जाएगा |


Tomato benefits for skin whitening:

● जानकार इसे वजन कम करने का एक अच्छा उपाय मानते है जबकि गुजरात के आदिवासी इसे यकृत और फ़ेफ़डों के लिए बेहतर टोनिक मानते है..
 आजमाईये जरूर |




चावल के अलावा इसका पानी भी सेहत के लिए फायदेमंद है। चावल को पकाने में इस्तेमाल होने वाले पानी में कई गुण छिपे होते हैं। यह चेहरे व बालों को फायदा पहुंचाता है। इसमें कई पौष्टिक तत्त्व जैसे विटामिन, प्रोटीन व एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जिससे स्किन खिली-खिली रहती है। यह स्किन के सूखेपन व कील मुहांसों को भी दूर करता है व जल्द बुढ़ापा आने से भी रोकता है।



ये करें: चावल को पानी में पकाने के बाद ठंडा कर लें। छानकर पानी अलग करें और इससे चेहरे पर 15 मिनट तक मसाज करने के बाद साफ पानी से चेहरा धोलें। इसके अलावा इस पानी को पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है। पानी की दूर करने के लिए बीमार व छोटे बच्चों को चावल का पानी पिलाते हैं।

डिहाइड्रेशन की समस्या गर्मियों में अधि‍क होती है। चावल का पानी आपके शरीर में पानी की कमी होने से बचाता है। बुखार होने पर चावल का पानी पीएं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। जरूरी पोषक तत्व भी मिल जाएंगे। इस पानी में भरपूर कार्बोहाइड्रेड्स और अमीनो एसिड्स होते हैं। ये जो बॉडी को एनर्जी देते हैं।


आज हम 8 ऐसी बुरी आदतों के बारे में बात करेंगे, जिनमें से ज्यादातर बुरी आदतों को हम लगभग हर दिन दोहराते हैं. और ये आदतें हमें लगातार नुकसान पहुंचाती है. इन आदतों को सुधारकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं.



समय बर्बाद करना – ज्यादातर लोग अपने समय को लेकर सतर्क नहीं रहते हैं और इस कारण वे हर दिन गैर जरूरी कामों में अपने कई घंटे बर्बाद कर देते हैं. और यह बुरी आदत ढेरों लोगों में पाई जाती है.


Health के लिए समय नहीं निकालना – हमलोग स्वस्थ्य तो रहना चाहते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए समय नहीं निकालते हैं. अगर आप स्वास्थ्य के लिए समय निकालेंगे, तो आने वाले समय में कई परेशानियों से बचेंगे.
Internet – इन्टरनेट हमारे जीवन को सरल बनाने के लिए है, लेकिन कुछ लोग इन्टरनेट का उपयोग
अपना समय बर्बाद करने के लिए करते हैं. हमें इन्टरनेट का उपयोग जरुर करना चाहिए लेकिन यह भी
ध्यान देना चाहिए कि इसका हमारे जीवन पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े.
दूसरों की जिंदगी में बेवजह दखल देना – बहुत सारे लोगों की बुरी आदत होती है कि वे Directly या Indirectly दूसरों की जिंदगी में दखल देते रहते हैं. यह आदत न तो आपके लिए अच्छी है और न
सामने वाले व्यक्ति के लिए.
अपनी बुराइयाँ दूर न करना – ज्यादातर लोग अपनी बुराई देखने की कोशिश हीं नहीं करते हैं. और बहुत कम लोग अपनी बुराई दूर करने की कोशिश करते हैं. याद रखिए आप अपनी बुराइयों को दूर किए बिना अपनी जिंदगी को बेहतर नहीं बना सकते हैं.
खुद को बेहतर बनाने के लिए कोशिश न करना – हम में से ज्यादातर लोगों की समस्या यह है कि हम अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के ख्वाब तो देखते हैं लेकिन अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए कुछ नहीं करते हैं.
अपने से कमजोर पर ताकत दिखाना – लगभग हर इन्सान की यह कमजोरी होती है कि वह अपने मन की भड़ास अपने से कमजोर व्यक्ति पर निकलता है.
सोचना बहुत ज्यादा पर करना कुछ भी नहीं – बहुत सारे लोग बहुत सारी चीजें सोचते हैं लेकिन करते
कुछ नहीं इसी कारण से वो अपने जीवन में कोई खास उपलब्धि न प्राप्त कर पाते हैं.

Monday, 26 June 2017

Benefits of Watermelon in Hindi:

गर्मी में लाल-लाल तरबूज किसे आकर्षित नहीं करता है. यह न केवल देखने में आकर्षक होता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. इस लेख में हम जानेंगे, तरबूज के फायदे और तरबूज से जुड़ी अन्य बातें. 

तरबूज से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें :



  • तरबूज खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए. तरबूज खाने के लगभग आधा-एक घंटा बाद पानी पीना चाहिए.
  • तरबूज को हमेशा तुरंत काटकर खाना चाहिए, घंटो पहले कटा हुआ तरबूज नहीं खाना चाहिए.
  • तरबूज शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है.
  • गर्मियों में तरबूज का नियमित सेवन वजन नियंत्रित करता है.
  • पानी और फाइबर से भरपूर होने के कारण तरबूज कब्ज नहीं होने देता है.
  • मुंहासे पर तरबूज को हल्का-हल्का लगा लें, फिर एक मिनट के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें…. इससे फायदा पहुंचेगा.
  • तरबूज कैंसर के नये कण बनने से रोकता है.
  • पानी की अधिकता होने के कारण तरबूज त्वचा को चमकदार बनाता है.
  • तरबूज के टुकड़े में काली मिर्च का पाउडर, सेंधा नमक या काला नमक मिलाकर खाने से खट्टा डकार बंद हो जाता है.
  • तरबूज का सेवन मांसपेशियों के दर्द को कम करने में भी मदद करता है.
  • तरबूज हमारे बालों के लिए भी फायदेमंद है.
  • गर्मियों में तरबूज का नियमित सेवन रतौंधी और मोतियाबिंद से बचाता है.
  • तरबूज का 92 % भाग पानी होता है.
  • बासी तरबूज भूलकर भी नहीं खाना चाहिए.
  • तरबूज हमारी उर्जा का स्तर बढ़ाता है.
  • तरबूज खाने और पचाने में आसान होता है.
  • पानी के अत्यधिक मात्रा होने के कारण इसका सेवन वजन कम करने में भी मदद करता है.
  • जो लोग सुबह-सुबह थकावट महसूस करते हैं, उन्हें इसका सेवन जरुर करना चाहिये.
  • तरबूज का सेवन गर्भवती महिला के लिए भी लाभदायक है

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