हम क्यों मनाते हैं बाल दिवस ? | Happy Children Day 2017

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Friday, 25 November 2016

वियाग्रा आज की सर्वाधिक प्रचलित सेक्सुअल पावर बढाने वाली दवा है लेकिन इससे होने वाले दुष्परिणाम भी बहुत ज्यादा हैं इसलिए यहाँ ऐसे भोजन पदार्थो का जिक्र करेंगे जो वियाग्रा की तरह असर पैदा कर

कामेच्छा बढाने में मदद करते है और किसी तरह का कोई नुक्सान भी नहीं होता है सेक्स क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ प्रयोग ऐसे भी हैं जो सेक्स शक्ति को अधिक रुप से बढ़ाने के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुए हैं।



मेवे के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए महान हैं, वे खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने की वजह से, रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है , लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करने और तनाव को कम करता है और अधिक से अधिक यौन शक्ति बढाता है


लहसुन
लहसुन में कामोत्तेजक गुण होते हैं| इससे शरीर में रक्त संचालन सुधरता है | सम्भोग से जुड़े अंगों में रक्त परिवहन बढ़ने से कामेच्छा में इजाफा होता है

अंडा
स्वस्थ होने के अलावा, उबले अंडे को बढ़ाने के लिए आदर्श होते हैं यौन भूख.और इस संघटक विटामिन B5 और बी -6 में समृद्ध है, दो पदार्थों संतुलन हार्मोन का स्तर और हमें तनाव कम करने के लिए आराम करने के लिए मदद.

भिन्डी
भिन्डी में विटामिन्स और जिंक की मात्रा होती है | जिंक की कमी से सेक्स सम्बन्धी समस्याएँ सामने आती हैं| अत:: भिन्डी का सेवन लाभकारी होता है| भिन्डी के उपयोग से सेक्सपरफार्मेंस सुधारा जा सकता है|

चुकंदर
चुकंदर में नाइट्रेट होता है जो उत्पादक अंगों में खून का बहाव ठीक करता है| यह ब्लड वेसल्स को फैलाता है| यह शरीर के हारमोंन को भी संतुलित रखने में सहायक है| अत: कामेच्छा में बढ़ोतरी देखी जाती है|

टमाटर
टमाटर में लायकोपिन तत्व होता है जो टमाटर को लाल रंग देता है| यह तत्व कामेच्छा में वृद्धि करता है| यह पुरुषत्व की कमी में भी उपयोगी है| टमाटर प्रोस्टेट केंसर से बचाव में सहायक है|

गाजर
गाजर में विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है| इससे स्पर्म काऊँट में सुधार होता है| गाजर मर्दानगी घटाने वाले कारणों से निपटता है| एक शोध में बताया गया है कि गाजर खाने वाले पुरुष स्त्रियों के आकर्षण का केंद्र होते हैं|

पालक सूप
एक कटोरी पालक सूप पीने से कामेच्छा बढ़ती है | यह सेक्स के अंगों के रक्त प्रवाह में सुधार लाती है|

प्याज
प्याज कामेच्छा बढाने में बेहद कारगर भोजन पदार्थ है| इसे नियमित खाना अच्छा रहता है| प्याज उत्पादक अंगों की सेहत सुधारता है|

केले
केले का प्रतिदिन सेवन करें। इसमें उपस्थित ब्रोमालिन एंजाइम कामेच्छा को बढानेमे मदद करता है। इसके अलावा केले में उपस्थित पोटााशियम और रिबोफल्विन जैसे अन्य तत्व यौन संबंधों के लिए जरूरी ताकत को बढाते है।

अंजीर
अंजीर को दैनिक भोजन में इस्तेमाल करें, इसमें उपस्थित अमीनो एसिड कामेच्छा के साथ साथ यौन शाक्ति को भी बढाता है।

बादाम
बादाम में उपस्थित वसा एसिड सेक्स के दौरान यौन उतेजना के बढाने में उपयोगी है। मखंफलमें उपस्थित विटामिन बी 6 और पोटाशियम तथा asparagus (सूत्मुली,मूसली) में उपस्थित विटामिन ई हार्मोन का बढाते हैं

Tuesday, 22 November 2016

जिन पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं के बनने का सिलसिला कम हो जाए अथवा वीर्य पतला होने की शिकायत हो, उन्हें इस फार्मूले को आजमाकर देखना चाहिए। सन 2005 में बीएमसी कोम्प्लीमेंट्री अल्टरनेटीव  मेडिसिन नामक जर्नल में प्रकाशित एक शोध के परिणामों पर भी नज़र डाली जाए तो जानकारी मिलती है कि नटमेग यानी जायफल क्लिनिकल तौर पर सेक्सुअल एक्टिविटी को सकारात्मक तौर से बढ़ाता है।

जायफल थकान और तनाव दूर करने के लिए भी जाना जाता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है जिससे बच्चे स्कूल में अधिक एकाग्र हो कर पढ़ाई कर सकते हैं।



जायफल का 2 ग्राम चूर्ण + 2 ग्राम मिश्री मिला रोजाना सुबह शाम फ़ांकी मारने से शरीर पुष्ट बनता है ! जिन पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं के बनने का सिलसिला कम हो जाए अथवा वीर्य पतला होने की शिकायत हो - उन्हें फार्मूले को आजमाकर देखना चाहिए जायफल सेक्सुअल एक्टिविटी को सकारात्मक तौर से बढ़ाता है !

सेक्स में अरुचि जायफल आजमाएं:

दर्द निवारक : जायफल दर्द की पीड़ा को शांत करने में अग्रणी है। प्राचीन चीनी औषधियों में जायफल शीर्ष पर रहता आया है। जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों के दर्द ऑर्थ्रराइटिस के दर्द के छुटकारा पाने के लिए आज भी जायफल के तेल को उम्दा माना जाता है।

अपच की पीड़ा : जायफल अपच दूर करने के लिए हमारे देश में सदियों से इस्तेमाल किया जाता है। डायरिया, कब्ज, उबकाई आने की समस्या का निवारण जायफल से किया जाता है। अपानवायु के निस्तारण के लिए भी जायफल का प्रयोग होता है। मुंह की बदबू : मुंह की बदबू को जायफल के पावडर के प्रयोग से दूर किया जा सकता है। जायफल में एंटिबैक्टेरियल प्रॉपर्टी होती है जिससे मुंह में मौजूद कीटाणुओं का सफाया हो जाता है। यही वजह है कि जायफल कई ब्रांड के टूथपेस्टों में जम कर इस्तेमाल किया जाता है।

लीवर और किडनी शुद्ध होगी जायफल से : शरीर से विषैले पदार्थ हटते ही मरीज फिर पटरी पर लौट आता है। कई तरह के विषैले पदार्थ भोजन के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं। दूषित जलवायु, तनाव, तंबाकू सेवन, शराबखोरी से भी जटिल विषैले पदार्थ शरीर में रह जाते हैं। इससे छुटकारा पाने में मदद करता है जायफल। इससे लीवर और किडनी दोनों की शुद्धि होती है। लीवर के रोगियों के लिए जायफल एक औषधि के तौर पर प्रयोग की जाती है। किडनी स्टोन्स से भी जायफल छुटकारा दिला सकता है।

कई बार त्वचा पर कुछ चोट के निशान रह जाते हैं तो कई बार त्वचा पर नील और इसी तरह के घाव पड़ जाते हैं। जायफल में सरसों का तेल मिलाकर मालिश करें। जहां भी आपकी त्वचा पर पुराने निशान हैं रोजाना मालिश से कुछ ही समय में वे हल्के होने लगेंगे। जायफल से मालिश से रक्त का संचार भी होगा और शरीर में चुस्ती-फुर्ती भी बनी रहेगी।

जायफल का 2 ग्राम चूर्ण + 2 ग्राम मिश्री मिला रोजाना सुबह शाम फ़ांकी मारने से शरीर पुष्ट बनता है जायफल के लेप के बजाय जायफल के तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

दांत में दर्द होने पर जायफल का तेल रुई पर लगाकर दर्द वाले दांत या दाढ़ पर रखें, दर्द तुरंत ठीक हो जाएगा। अगर दांत में कीड़े लगे हैं तो वे भी मर जाएंगे।

पेट में दर्द हो तो जायफल के तेल की 2-3 बूंदें एक बताशे में टपकाएं और खा लें। जल्द ही आराम आ जाएगा।
जायफल को पानी में पकाकर उस पानी से गरारे करें। मुंह के छाले ठीक होंगे, गले की सूजन भी जाती रहेगी।
जायफल को कच्चे दूध में घिसकर चेहरें पर सुबह और रात में लगाएं। मुंहासे ठीक हो जाएंगे और चेहरे निखारेगा।

एक चुटकी जायफल पाउडर दूध में मिला कर लेने से सर्दी का असर ठीक हो जाता है। इसे सर्दी में प्रयोग करने से सर्दी नहीं लगती।

सरसों का तेल और जायफल का तेल 4:1 की मात्रा में मिलाकर रख लें। इस तेल से दिन में 2-3 बार शरीर की मालिश करें। जोड़ों का दर्द, सूजन, मोच आदि में राहत मिलेगी। इसकी मालिश से शरीर में गर्मी आती है, चुस्ती फुर्ती आती है और पसीने के रूप में विकार निकल जाता है।

प्रसव के बाद अगर कमर दर्द नहीं ख़त्म हो रहा है तो जायफल पानी में घिसकर कमर पे सुबह शाम लगाएं, एक सप्ताह में ही दर्द गायब हो जाएगा।
  1. फटी एडियों के लिए इसे महीन पीसकर बीवाइयों में भर दीजिये। 12-15 दिन में ही पैर भर जायेंगे।
  2. जायफल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से ह्रदय मज़बूत होता है। पेट भी ठीक रहता है।
  3. अगर कान के पीछे कुछ ऎसी गांठ बन गयी हो जो छूने पर दर्द करती हो तो जायफल को पीस कर वहां लेप कीजिए जब तक गाठ ख़त्म न हो जाए, करते रहिये।
  4. अगर हैजे के रोगी को बार-बार प्यास लग रही है, तो जायफल को पानी में घिसकर उसे पिला दीजिये।
  5. जी मिचलाने की बीमारी भी जायफल को थोड़ा सा घिस कर पानी में मिला कर पीने से नष्ट हो जाती है।
  6. इसे थोडा सा घिसकर काजल की तरह आँख में लगाने से आँखों की ज्योति बढ़ जाती है और आँख की खुजली और धुंधलापन ख़त्म हो जाता है।
यह शक्ति भी बढाता है।
जायफल आवाज में सम्मोहन भी पैदा करता है।
जायफल और काली मिर्च और लाल चन्दन को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है, मुहांसे ख़त्म होते हैं।
किसी को अगर बार-बार पेशाब जाना पड़ता है तो उसे जायफल और सफ़ेद मूसली 2-2 ग्राम की मात्र में मिलाकर पानी से निगलवा दीजिये, दिन में एक बार, खाली पेट, 10 दिन लगातार।

बच्चों को सर्दी-जुकाम हो जाए तो जायफल का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण बराबर मात्रा में लीजिये फिर 3 चुटकी इस मिश्रण को गाय के घी में मिलाकर बच्चे को सुबह शाम चटायें।

चेहरे पर या फिर त्वचा पर पड़ी झाईयों को हटाने के लिए आपको जायफल को पानी के साथ पत्थर पर घिसना चाहिए। घिसने के बाद इसका लेप बना लें और इस लेप का झाईयों की जगह पर इस्तेमाल करें, इससे आपकी त्वचा में निखार भी आएगा और झाईयों से भी निजात मिलेगी।

चेहरे की झुर्रियां मिटाने के लिए आप जायफल को पीस कर उसका लेप बनाकर झुर्रियों पर एक महीने तक लगाएंगे तो आपको जल्द ही झुर्रियों से निजात मिलेगी।

Monday, 21 November 2016

शक्ति कमजोरी से पीडित रोगियो को शुरू में 5-5 घंटे के अंतराल से विशेष रूप से ताजा फलो का आधार लेना चाहिए उसके बाद वह पुन: अपनी नियमित खुराक धीरे-धीरे प्रारंभ कर सकते है। रोगी को धूम्रपान , शराब चाय तथा कॉफी के सेवन से बचना चाहिए, और विशेष रूप से सफेद चीनी तथा मैदे या उनसे बने उत्पादो का परहेज करना चाहिए।

30 ग्राम किशमिश को गुनगुने पानी मे धोए, 200 मिली दूध मे उबाले तथा दिन मे तीन बार सेवन करे। ध्यान रखिए की प्रत्येक बार ताजा मिश्रण तैयार करे। धीरे धीरे 30 ग्राम किशमिश की मात्रा को 50 ग्राम तक करें।


15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन दुर्बलता दूर होती है।

शारीरिक कमजोरी दूर करने के उपाय:



केला : दिन में खाना-खाने के बाद 2 या 3 पके केले रोजाना नियमित रूप से खाने से शरीर में शक्ति, मांस और चर्बी बढ़ती है। इसका प्रयोग लगातार 2 महीने तक करने से शरीर सुंदर बन जाता है।

आंवला : लगभग 10 ग्राम की मात्रा में हरे आंवला को लगभग इतनी ही मात्रा में शहद में मिलाकर खाने से मनुष्य के वीर्य-बल में वृद्धि होती है। आंवलों के मौसम में इसका सेवन रोजाना सुबह के समय लगभग 1 से 2 महीने तक करना चाहिए।

बराबर मात्रा में आंवले का चूर्ण, गिलोय का रस, सफेद मूसली का चूर्ण, गोखरू का चूर्ण, तालमखाना का चूर्ण, अश्वगंध का चूर्ण, शतावरी का चूर्ण, कौंच के बीजों का चूर्ण और मिश्री का चूर्ण लेकर इनका मिश्रण बना

लें। अब इस मिश्रण को रोजाना सुबह और शाम को लगभग 10 से 15 ग्राम की मात्रा में फांककर ऊपर से हल्का गर्म दूध पीने से मनुष्य के संभोग करने की शक्ति का विकास होता है। इसको लगातार 3 या 4

महीने तक फायदा होने तक खाना चाहिए।

किशमिश : सुबह के समय लगभग 25 से 30 किशमिश लेकर इनको गर्म पानी से धोकर साफ कर लें और कच्चे दूध में डाल दें। आधा या एक घंटे बाद उस दूध को गर्म करें। इसके बाद किशमिश को एक-एक

करके खा लें और ऊपर से उसी दूध को पी लें। ऐसा करने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा आवश्यकता से अधिक ठंड़ का अनुभव, पुरानी बीमारी, अधिक कमजोरी, जिगर की खराबी और बदहजमी दूर हो

जाती है।

अंगूर : लगभग 25 मिलीलीटर की मात्रा में अंगूर का रस भोजन करने के आधे घंटे बाद पीने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा इसका रस पीने से पेट फूलना, अफारा, दिल का दौरा पड़ना, चक्कर आना,

सिरदर्द और भोजन न पचना आदि बीमारियां दूर हो जाती है। इसका सेवन लगभग 2 या 3 हफ्ते तक लगातार करना चाहिए। इसके अलावा इसका सेवन महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। कमजोर बच्चों को

भोजन के बाद अंगूर का रस पिलाना काफी लाभकारी सिद्ध होता है। अंगूर का रस बच्चों के चेहरे को लाल कर देता है।

पालक : शरीर में कमजोरी आने पर या खून की कमी होने पर लगभग 225 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना पालक का रस पीना चाहिए। इससे चेहरा एक दम गुलाब की तरह लाल हो जाता है। इसके अलावा इसका

रस पीने से मानसिक तनाव और हाई ब्लडप्रेशर भी सामान्य रहता है।

टमाटर : टमाटर का रोजाना सेवन करने से खून शुद्ध रहता है, और खून में वृद्धि होती है। टमाटर खाने से आंखों के रोग, जिगर में किसी तरह की खराबी आने के कारण होने वाली सुस्ती, आंतों के कीड़ें और आमाशय

की कमजोरी दूर होती है। टमाटर पाचन क्रिया को बढ़ाता है। पथरी वाले व्यक्ति को टमाटर नहीं खाना चाहिए।

सौंफ : सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह-शाम भोजन के बाद दो चम्मच लेने से दिमाग तेज होता है। इसका सेवन लगातार एक या दो महीने तक करना चाहिए।
मालकांगनी :मालकांगनी के बीज, बच, देवदारू और अतीस आदि का मिश्रण बना लें। रोज सुबह-शाम इस मिश्रण को 1 चम्मच घी के साथ पीने से दिमाग तेज और फुर्तीला बनता है।
मालकांगनी के तेल की 5-10 बूंदे मक्खन के साथ सेवन करने से भी शरीर को लाभ मिलता है।

धनिया :शक्ति को ऊर्जा भी कहते हैं। यह ऊर्जा मनुष्य को भोजन से मिलती है। परन्तु धनिया इस ऊर्जा को और बढ़ा देता है। इसके लिए आपको खाना खाने के बाद दस दाने धनिया के मुंह में डालने होंगे। इन दानों

को दाढ़ों से कुचलकर इसका रस कंठ (गले) के नीचे उतार लीजिए और दानों को थूक देते हैं। ठीक आधा घंटे बाद आप देखेंगे कि आपके शरीर में गर्मी बढ़ गई। यह गर्मी पसीना लाने वाली गर्मी नहीं होती बल्कि यह

पाचनक्रिया को सही करने वाली गर्मी होती है क्योंकि जब पाचन क्रिया में वृद्धि होगी तब भोजन समय से तथा ठीक प्रकार से पच जाएगा। इसके बाद रक्त में जो ऊर्जा पैदा होती है वह पूरे शरीर में फुर्तीलापन लाती

है।लगभग 3 ग्राम की मात्रा में साबुत सूखे धनिये को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को ठंड़े पानी और मिश्री के साथ मिलाकर गर्मी के दिनों में पीने से पित्त के कारण होने वाले रोगों से छुटकारा मिल जाता है।

200 ग्राम लहसुन पीसकर उसमें 60 मिली शहद मिलाकर एक साफ-सुथरी शीशी में भरकर ढक्कन लगाएं और किसी भी अनाज में 31 दिन के लिए रख दें। 31 दिनों के बाद 10 ग्राम की मात्रा में 40 दिनों तक इसको लें। इससे यौन शक्ति बढ़ती है।

एक ग्राम जायफल का चूर्ण प्रातः ताजे जल के साथ सेवन करने से कुछ दिनों में ही यौन दुर्बलता दूर होती है।
दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से वीर्य बढ़ता है और यौन दुर्बलता दूर होती है।
शीतकाल में सुबह दो-तीन खजूर को घी में भूनकर नियमित खाएं, ऊपर से इलायची- शक्कर डालकर उबला हुआ दूध पीजिए। यह उत्तम यौन शक्तिवर्धक है

5 मिलीलीटर से 10 मिलीलीटर के आसपास पुराने सेमल की जड़ का रस निकालकर व इसका काढ़ा बना लें तथा इसके अंदर चीनी मिला लें। इस मिश्रण को 7 दिनों तक पीने से वीर्य की बहुत ही अधिक बढ़ोत्तरी होती है। 6 ग्राम विदारीकन्द के चूर्ण में चीनी व घी मिला लें। इस चूर्ण को खाने के बाद इसके ऊपर से दूध पीने से वृद्ध पुरुष की भी संभोग करने की क्षमता कुछ ही दिन में वापस लौट आती है।

तालमखाने तथा शुद्ध कौंच के बीज के चूर्ण को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर इसके अंदर दुगुनी मिश्री मिलाकर इसका चूर्ण बनाकर रख लें। रोजाना के समय में 2 चम्मच चूर्ण (लगभग 10 ग्राम के आसपास) को ताजे दूध के साथ मिलाकर खाने से सेक्स क्रिया करने की शक्ति सें आई कमजोरी भी नष्ट हो जाती है।

तालमखाने के बीज, गोखरू, शुद्ध कौंच के बीज, शतावरी, कंघी का जड़ तथा नागबला- इन सबको बराबर-बराबर की मात्रा में ले लें। इनको लेकर कूट-पीसकर इनका चूर्ण बनाकर रख लें। रात के समय में इस चूर्ण की 6 ग्राम की मात्रा को दूध के साथ प्रयोग करें। इस चूर्ण का सेवन करने से पुरुष कमजोरी दूर हो जाती है तथा व्यक्ति संभोग करने में काफी निपुण हो जाता है।

6 ग्राम गोखरू का चूर्ण और काले तिल 10 ग्राम को बराबर मात्रा में लेकर इसे 250 मिलीलीटर बकरी के दूध में उबालकर तथा उसे ठंडा करके शहद को मिलाकर खाना चाहिए। इसका सेवन करने से हैंडप्रैक्टिस से क्रिया में आई कमजोरी भी समाप्त हो जाती है।

100ग्राम इमली के बीजों को लेकर उन बीजों को पानी में भिगोकर 4-5 दिनों के लिए रख दें तथा पाचवें दिन उन बीजों का छिलका उतारकर उनका वजन करके देखें। उनका वजन करने के बाद उनके वजन से दुगुना पुराने गुड़ (देशी ) को लेकर उन बीजों में मिलाकर रख दें। इसके बाद इन्हें बारीक पीसकर अच्छी तरह से घोट लें तत्पश्चात इस मिश्रण की चने के बराबर बारीक-बारीक गोलियां बना लें। 

सेक्स क्रिया शुरू करने  के 1 से 2 घंटे पहले दो गोलियों को खा लें। इसका सेवन करने से सेक्स शक्ति में अजीब की शक्ति आ जाती है। कई लोगो पे आजमाया गया नुस्खा है काफी लोगो की से छमता में वृधि हुई है और सार्थक परिणाम की प्राप्ति हुई है - ठण्ड के मौसम में कभी-कभी बीजो को फूलने में जादा समय लग सकता है

500 ग्राम विधारा और 500 ग्राम नागौरी असगंध- इन दोनों को ले लें। फिर इसे अच्छी तरह से कूट-पीसकर तथा इसे छानकर रख लें। सुबह के समय रोजाना इस चूर्ण को 2 चम्मच खा लें। उसके बाद ऊपर से मिश्री मिला हुआ गर्म-गर्म दूध को पी लें। इस चूर्ण का इस्तेमाल करने से बुजुर्ग व्यक्ति भी जवानों के समान संभोग करने में निपुण हो जाता है।

संतरा : 1 गिलास संतरे का रस रोजाना दो बार कुछ सप्ताह तक पीते रहने से शरीर में ताकत आ जाती है। जो बच्चे बोतल से दूध पीते हैं कमजोर होते है, उनके लिए संतरे का रस बहुत लाभदायक होता है।

सफेद पेठा : भोजन करने के बाद पेठे की मिठाई खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है। पित्त विकार में 2-2 पेठे के टुकड़े रोजाना खाने से लाभ होता है।

पुनर्नवा : पुनर्नवा को दूध के साथ खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है।

फालसा : पके फालसे का सेवन करने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है। यह हृदय रोग और रक्तपित्त या खूनी पित्त में भी काफी हितकारी होता है।

पपीता : बच्चों को रोजाना पपीता खिलाने से उनकी लम्बाई बढ़ती है और शरीर मजबूत तथा सेहत सही बनी रहती है।

अर्जुन :
अर्जुन बलकारक है तथा अपने लवण-खनिजों के कारण हृदय की मांसपेशियों को सशक्त बनाता है। दूध तथा गुड़, चीनी आदि के साथ जो अर्जुन की छाल का पाउडर नियमित रूप से लेता है, उसे हृदय रोग, जीर्ण ज्वर, रक्त-पित्त कभी नहीं सताते और वह चिरजीवी होता है।

Saturday, 19 November 2016

केसर महिलाओं में कामेच्छा बढाने में असरदार भूमिका रखती है| इसके रेशों को गरम पानी में १५ मिनिट तक भिगोकर रखें| और फिर इसे चावल के साथ खाएं |

लहसुन में एलीसिन नाम का एक कंपाऊंड होता है जो शरीर में खून का प्रवाह बढाता है| सेक्स से सम्बंधित प्रायवेट अंगों में रक्त संचरण बढेगा तो कामेच्छा भी बढ़ेगी ही| लहसुन की ३ कुली चबाकर खाएं और मुंह भली प्रकार साफ़ करले डार्क चाकलेट में ऐसा केमिकल होता है जो महिलाओं में पुरुष के प्रति खिंचाव बढाता है| इसीलिये महिलाएं सम्भोग के दौरान डार्क चाकलेट खाना पसंद करती हैं|




महिलाओं के लिए कामेच्छा बढ़ाने के उपाय:
अनुभवी चिकित्सकों का मत है कि मेनोपोज(ऋतु निवृत्ति) के बाद हारमोन संतुलन बिगड जाने से स्त्रियां सेक्स-विमुख हो जाती हैं।उनके पुरुष के प्रति आकर्षण में गिरावट आ जाती है।

महिलाओं में लगातार सेक्सुअल अराऊजल के बाद भी ओर्गास्म के ना आने को ओर्गेज्मिक डिसआर्डर कहा जाता है। ओर्गास्म फ़ेज तक पहुंचने में जो समय लगता है उसे क्लाईमेक्स कहते हैं। कुछ महिलाएं कभी भी क्लाईमेक्स तक नहीं पहुंच पाती हैं। जबकि कुछ महिलाएं ऐसी होती है जो सिर्फ़ हस्त मैथुन से ही क्लाईमेक्स तक पहुंच जाती हैं। कुछ महिलाओं में भगनासा और यौनि को भी सहलाकर उत्तेजित करने की जरूरत पड सकती है। ऐसा करने से महिलाएं अपने पार्टनर के साथ क्लाईमेक्स तक पहुंच जाती हैं।

बहुत सी स्त्रियों में तो मेनोपोज के पहिले ही काम वासना का स्तर बहुत नीचे आ जाता है। दूसरी और पुरुष का सेक्स ड्राईव बना रहता है।पुरुषों का यौन सक्रियता काल महिलाओं की बनिस्बत ज्यादा लंबा होता है।

जो लोग ज्यादा सेक्स-सक्रिय रहते हैं उनके अधिक स्वस्थ रहने की उम्मीद ज्यादा रहती है।

पुरुषों में अच्छे स्वास्थ्य का संबंध उनकी यौन सक्रियता से जुडा रहता है। स्वस्थ-यौन संबंध पुरुषों और महिलाओं में एक समान नहीं होते हैं। अगर एक पुरुष ५५ साल की उम्र तक पूरी तरह स्वस्थ है और यौन सक्रियता कायम है तो उसके जीवन में यौन सक्रियता ५-७ साल और बढ जाया करती है।  चिकित्सा विग्यान का सबसे ज्यादा ध्यान पुरुषों के से़क्स ड्राईव को बढाने वाली दवाओं की खोज में लगा हुआ है।

महिलाओं मे सेक्स के प्रति अनिच्छा( loss of libido) दूर करने वाले तत्वों की खोज भी अहम विषय है यह समझ लेना जरूरी है कि स्त्री हो या पुरुष सेक्स में संतुष्टि का स्तर सबका अलगअलग होता है। महिलाओं में सेक्स की ईच्छा को बढावा देने के लिये कुदरती पदार्थों और भोजन का विशेष महत्व है।

अण्डों में विटामिन बी होता है यह तनाव दूर करता है और हारमोन लेविल मेंटेन रखता है| इससे फर्टीलिटी भी बढ़ती है |

आम ऊर्जा देने वाला फल है | गर्मी के मौसम में इसे नियमित रूप से खाने से स्त्री में ऊर्जा का संचार होगा  और सेक्स में अच्छा परफार्मेंस करने में सफल होंगी| आम पुरुषों के लिए भी उतना ही लाभदायक है |

विटामिन ब१ सूखे मेवों और अनाजों में मिलताहै। विटामिन ब२ मुख्यत: केला,ब्रोकोली और मांस में पाया जाता है। विटामिन ब३ रक्त संचार बढाने के लिये और सेक्स हार्मोन की उत्पत्ति में सहायता करता है। विटामिन ई सेक्स हार्मोन पैदा करने और परिसंचरण तंत्र को मजबूत बनाता है। यह विटामिन अनाजों ,फ़लों और हरी सब्जीयों में प्रचुरता से पाया जाता है।

एक मेडीकल रिसर्च का निष्कर्ष है कि वियाग्रा गोली स्त्रियों में सेक्स शक्ति (sex power)बढाने के लिये इस्तेमाल की जा सकती है।लेकिन यह प्रभाव कुछ ही स्त्रियों पर देखने को मिला है। इसे काम क्रीडा में प्रवृत होने के एक घंटे पूर्व लेना चाहिये। शतावर का प्रयोग अच्छे परिणाम देता है। सफ़ेद मूसली स्त्रियों के सेक्स ड्राईव बढाने की बेजोड औषधि है।

कामोद्दीपक तत्व aphrodisiacs भोजन के माध्यम से प्राप्त करना उचित है। इन तत्वों से स्त्री में टेस्टोस्टरोन.एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरोन हार्मोन का लेविल संतुलित बनाने में मदद मिलती है। ये हार्मोन स्त्री की लिबिडो याने कामेच्छा बरकरार रखने के लिये उत्तरदायी होते हैं। यहां अब उन पदार्थों का विवेचन करेंगे जिन्हें महिलाओं को भोजन में प्रचुरता से शामिल करने की चिंता रखनी चाहिये-

केला,स्ट्राबेरी, आम ये फ़ल नियमित लेते रहना चाहिये।स्त्री की लिबिडो वृद्धि करने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहता है। भोजन में गाजर,अदरक,लहसुन और अन्य सब्जीयां शामिल करें।

सूखे मेवे जैसे बादाम,मूंगफ़ली,छुआरे में कामोद्दीपक तत्व पाये जाते हैं। इनका उपयोग करें।
सोयाबीन, जौ, अजवाईन,अंडा,मक्खन और मशरूम सेक्स ड्राईव बढाने में सहायक हैं।
ओमेगा ३ फ़ेट्टी एसीड का कामेच्छा जाग्रत करनेमें विशेष योगदान है।मछलियों में यह तत्व ज्यादा मिलता है। शाकाहारी १५ ग्राम अलसी का तेल रोज लेकर इस तत्व की पूर्ति करें।

यह भी हो सकता है कि स्त्रियों की सेक्स-विमुखता कारण उनकी जीवन शैली और खान-पान हो। भोजन वस्तुओ में मामूली बदलाव करने से वे भरपूर सेक्स का आनंद लेने में कामयाब हो सकेंगी। संतुष्टिप्रद सेक्स ड्राईव के लिये सबसे महत्वपूर्ण बात शरीर में आदर्श रक्त संचार का होना है।

Sunday, 30 October 2016

लिंग में टेढापन होने का मुख्य कारण :
विज्ञान के अनुसार सभी पुरुषों का लिंग 3 प्रकोष्ठों में बटा हुआ है. इनमें से 2 प्रकोष्ठ लिंग के ऊपर वाले भाग में होते है जिन्हें Corpus Cavernosum कहा जाता है ये दोनों इरेक्टाइल टिश्यू से बने होते है, इनकी ही सहायता से लिंग के उत्थान में सहायता मिलती है. 



जबकि तीसरा प्रकोष्ठ को Corpus Spongiosum कहते है. जब कोई व्यक्ति उत्तेजित होकर अपने लिंग पर रगड़ या दबाव डालता है और हस्तमैथुन करता है तो इस रगड के कारण लिंग के ऊपर वाले दो प्रकोष्ठ क्षतिग्रस्त हो जाते है, उनमें रक्त इक्कठा होना बंद हो जाता है. इसके बाद ना तो लिंग उत्तेजित हो पाता है और ना ही उसका विकास होता है.

यौन अंग के पतलेपन, टेढ़ेपन को दूर करके उसमें शक्ति भर देता है ये जादुई प्रयोग:
जबकि दूसरी तरफ नीचे वाले हिस्से में रक्त प्रवाह वैसा ही बना रहता है और वहाँ विकास जारी रहता है और यही कारण है कि लिंग में टेढापन आ जाता है.

लिंग का टेढ़ापन दूर करने के उपाय :

सामग्री ( Material Required ) :
दालचीनी का तेल, बादाम का तेल, पिस्ता का तेल, जमालघोटा का तेल, पान का पत्ता·
प्रयोग विधि ( Use ) :
सबसे पहले आप उपरलिखित सभी तेलों को सामान मात्रा में लेकर मिला लें. रात को सोते वक़्त इस तेल की एक बूंद को लिंग पर डालें और मालिश करें. 

उसके बाद लिंग पर पान का एक पत्ता बांधें और सो जाएँ. ये उपाय लिंग के पतलेपन, टेढ़ेपन को दूर करने के साथ साथ लिंग को शक्ति भी देता है.

अन्य उपाय ( Other Solution ) :
· जैतून का तेल ( Olive Oil ) : जैतून के तेल में खनिज लवणों की प्रचुरता होती है, अगर इससे रोजाना लिंग की मालिश की जाए तो लिंग स्वस्थ रहता है, उसमें रक्त संचार बना रहता है, कोशिकायें मजबूत होती है जिससे टेढ़ेपन से छुटकारा मिलता है. साथ ही ये लिंग को मोटा करने में भी सहायक होता है.

चन्दन का तेल ( Sandalwood Oil ) : चन्दन के तेल की एक विशेषता ये है कि इसके प्रयोग से व्यक्ति के शरीर में वीर्य की संख्या बढती है, अगर शरीर में स्पर्म की कमी नहीं है तो ये ना सिर्फ लिंग को स्वस्थ रखता है बल्कि व्यक्ति को भी बल व हष्ट पुष्ट शरीर प्रदान करता है इसलिए रोजाना चन्दन के तेल से लिंग की मालिश करें.

बादाम का तेल ( Almond Oil ) : वहीँ अगर बादाम के तेल की बात की जाए तो उसमें जिंक की भरपूर मात्रा पायी जाती है और जिंक लिंग के स्वस्थ के लिए बहुत जरूरी होता है. इसलिए आप खाने में ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें जिंक की मात्रा अधिक हो, साथ ही बादाम के तेल से लिंग की मालिश करना बिलकुल ना भूलें.

लैवंडर और बादाम का तेल ( Lavender and Almond Oil ) : अगर लैवंडर और बादाम के तेल को मिलाकर प्रयोग में लाया जाए तो आश्चर्यजनक रूप से लाभ की प्राप्ति होती है.

मेहँदी के फुल ( Flowers of Henna ) : अगर लिंग के टेढ़ेपन के कारण लिंग का तनाव खत्म हो गया है तो आप मेहँदी के फुल और फिटकरी लें और दोनों को मिलाकर चूर्ण तैयार करें. इस चूर्ण में थोडा सा बादाम का तेल मिलाकर लिंग पर लेप करें और सूखने तक वहीँ लगा रहने दें. फिर इसे साफ़ करें, लिंग आश्चर्यजनक तरीके से अपने पहले वाले आकार में आ जाएगा.

यौन अंग के पतलेपन, टेढ़ेपन को दूर करके उसमें शक्ति भर देता है ये जादुई प्रयोग

Friday, 7 October 2016

युवा काल में लिंग के आकार के प्रति चिंता एवं उत्सुकता लगभग हरेक पुरुष मे होती है. परन्तु यह ध्यान देने वाली बात है कि हर पुरुष के लिंग मे लंबाई, मुटाई तथा स्थिरता में भिन्नता तो अवश्य होती है पर इस भिन्नता का यौन संतुष्टी, गर्भाधारण तथा यौन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पडता.


वास्तव में स्त्री के योनि का उपरी एक तिहाई भाग ही यौन स्पर्श के प्रति संवेदनशील होता है. अत; उत्तेजित अवस्था मे यदि शिश्न की लंबाई केवल 2 से.मे. भी हो तो वह अपने यौन साथी को प्रयाप्त यौन आनंद प्रदान करा पाने मे सक्ष्म होता है. अतः आप चिंता ना करें और बहलाने वाले विज्ञापनों के चक्कर में पडकर अपने शिश्न की लंबाई, मोटाई एवं उत्तेजना बढ़ाने वाली दवाओं का सेवन कदापि ना करें . इससे फायदा तो दुर नुकसान अवश्य हो सकता है।
desi nuskhe

अगर आपका लिंग छोटा या पतला है तो करें ये उपचार:

  • * शतावर, असगंधा, कूठ, जटामांसी और कटेहली के फल को 4 गुने दूध में मिलाकर या तेल में पकाकर लेप करने से लिंग मोटा होता है और लिंग की लम्बाई भी बढ़ जाती है।
  • * कूटकटेरी, असगंध, वच और शतावरी को तिल के तेल में जला कर लिंग पर लेप करने से लिंग में वृद्धि होती है
  • * असगंध चूर्ण को चमेली के तेल के साथ खूब मिलाकर लिंग पर लगाने से लिंग मज़बूत हो जाता है
  • * सूखा जौ पीस कर तिल के तेल में मिला कर लिंग पर लगाने से सारे दोष दूर हो जाते हैं
  • * 20 ग्राम लोंग को 50 ग्राम तिल के तेल में जला कर मालिश करने से लिंग में मजबूती आती है
  • * हींग को देशी घी में मिलाकर लिंग पर लगा लें और ऊपर से सूती कपड़ा बांध दें। इससे कुछ ही दिनों में लिंग मजबूत हो जाता है।
  • * भुने हुए सुहागे को शहद के साथ पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली हो जाता है।
  • * जायफल को भैंस के दूध में पीसकर लिंग पर लेप करने के बाद ऊपर से पान का पत्ता बांधकर सो जाएं। सुबह इस पत्ते को खोलकर लिंग को गर्म पानी से धो लें। इस क्रिया को लगभग 3 सप्ताह करने से लिंग
  • पुष्ट हो जाता है।
  • * शहद को बेलपत्र के रस में मिलाकर लेप करने से हस्तमैथुन के कारण होने वाले विकार दूर हो जाते हैं और लिंग मजबूत हो जाता है।
  • * रीठे की छाल और अकरकरा को बराबर मात्रा में लेकर शराब में मिलाकर खरल कर लें। इसके बाद लिंग के आगे के भाग को छोड़कर लेप करके ऊपर से ताजा साबुत पान का पत्ता बांधकर कच्चे धागे से बांध दें।
  • इस क्रिया को नियमित रूप से करने से लिंग मजबूत हो जाता है।
  • * बेल के ताजे पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर लगाने से लिंग में ताकत पैदा हो जाती है।
  • * असगंध, मक्खन और बड़ी भटकटैया के पके हुए फल और ढाक के पत्ते का रस, इनमें से किसी भी एक चीज का प्रयोग लिंग पर करने से लिंग मजबूत और शक्तिशाली बनता है।
दालचीनी का तेल, बादाम का तेल, जमालगोटा का तेल और पिस्ता का तेल – सभी तेल समान मात्रा में लेकर एक साथ मिलाकर रख लें। इसे एक बूद की मात्रा में रात को सोेते समय इंद्रिय पर लगाये और ऊपर से पान का पत्ता बांधकर सो जाएं। इस तिला का प्रयोग एक महिने तक करने से लिंग का टेढापन, पतलापन एंव असमानता दूर हो जाती है और वो शक्तिशाली हो जाता है।

Friday, 16 September 2016

जब घर में नए मेहमान को लाने का समय हो और उसे पूरा करने के लिए आप हर संभव प्रयास करते हैं। अच्छी बात यह है की पिछले कुछ वर्षों में ऐसी कई स्टडीज की गई हैं जो दावा करती हैं कि अगर आपका स्पर्म काउंट कम है जो आपकी खुशियों में बाधा बन रहा है तो आप इसे बढ़ा सकते हैं। इनमें से कुछ तरीके हम आपको बताने वाले हैं


कैसे वीर्य की मात्रा बढ़ाएँ (Sperm, Shukranu ki sankhya)

1:खानपान में परिवर्तन
अपने आहार को बदलें: आपके खानपान में सुधार, अधिक और स्वस्थ वीर्य उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया को कम नहीं आंके। प्रोसेस्ड फ़ूड का कम सेवन करें या फिर विल्कुल नहीं करें, और इसके बदले आहार जिसमें कम वसा और ज्यादा प्रोटीन हो उनका सेवन करें। ज्यादा सब्जी और अनाज खाएँ, संभव होने पर जैविक आहार (organic foods) खरीदें। बहुत ज्यादा पानी पीएँ। जो भी आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, वो वीर्य के लिए भी लाभदायक होता है।


विटामिन C और एंटीअॅक्सीडेंट से भरपूर भोजन खाएँ:
ये पोषक तत्व आपकी वीर्य से संबंधित बीमारी को कम करेगा और वीर्य के जीवनकाल को भी बढ़ाएगा। भोजनोपरान्त एक नारंगी खाएँ! एक 8 आउन्स (230 ml) ग्लास नारंगी के जूस में 124 ml विटामिन C होता है जो एक दिन के लिए काफी है।

मिनरल जिंक (mineral zinc) का ज्यादा सेवन करें: इससे वीर्य की मात्रा, संख्या और टेस्टस्टेरन बढ़ती है। करीब 11 mg प्रति दिन लें, यह अखरोट, बीन्स, शुत्कि (oysters) या चिकन खाने से पूर्ति हो जाएगा।

एमिनो एसिड सप्लीमेंट के तौर पर या खाने के रूप में लें: एमिनो एसिड कुछ मात्रा में मांसों, फलों और सब्जियों में पाया जाता है। एमिनो एसिड वीर्य की मात्रा को बढ़ता है, और उसे गाढ़ा होने से भी बचाता है। एमिनो एसिड जो आपको खाने में सम्मिलित करना चाहिए।

  • एल- कार्निटीन (L-Carnitine) यह रेड मीट और दूध में पाया जाता है।
  • एल- आरगिनेइन (L-Arginine) यह ड्राईफ्रूट्स, तिल और अंडे में पाया जाता है।
  • एल- लीसीन- (L-Lysine) यह दूध और पनीर में पाया जाता है।
  • अपने आहार में फोलिक एसिड सप्लीमेंट लें: फोलिक एसिड (विटामिन B9) वीर्य की मात्रा बढ़ाने में मददगार साबित होता है। 400 ग्राम फोलिक एसिड हरी सब्जियां,
  • फलियां, अनाज और नारंगी के रस में पाया जाता है।

विटामिन D और कैल्शियम के प्रतिदिन सेवन को बढ़ाएँ: आप दोनों को सप्लीमेंट के तौर पर भी ले सकते हैं या फिर कुछ समय धूप में व्यतीत करके विटामिन D की संश्लेषण कर सकते हैं। दही, स्लिम दूध, सैल्मन अधिक मात्रा में सेवन करके से आप कैल्शियम और विटामिन D की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा समय धूप में व्यतीत करते हैं तो अपने शरीर पर सनस्क्रीन लगाना नहीं भूलें ताकि सूर्य की हानिकारक किरणों से प्रभाव कम हो।

एलिसीन (Allicin) का सेवन करें: यह लहसुन में पाया जाता है, एलिसीन एक ओरगानोसल्फर यौगिक है जो वीर्य की मात्रा को यौन अंग में खून के संचार के अनुकूल बनाता है, जिससे स्वस्थ वीर्य की मात्रा बढती है। कुछ नए और दिलचस्प लहसुन युक्त खाना खाएँ या फिर लौंग और लहसुन की चाय बनाकर सुबह पी लें।

वीर्य को स्वस्थ बनाने वाले इन भोजनों का सेवन करें: अगर वीर्य को आँखों से चमकते हुए देखना चाहते हैं, तो अपने खानपान में इन चीजों का प्रयोग करें।
  • Goji berries (एंटीॅआक्सीडेंट)
  • जिनसेंग (Ginseng), अश्वगंधा
  • पम्पकिन सीड्स (omega-3 fatty acids)
  • अखरोट (omega-3 fatty acids)
  • एस्परगस (विटामिन C)
  • केला (विटामिन C)
2:जीवन शैली में बदलाव
अपनी लाइफ स्टाइल को सुधारें: जीवन शैली जिससे आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कम हो जाती है, उनसे वीर्य की संख्या भी कम हो सकती है। अगर आप सन्तान के प्रयास में हैं तो धूम्रपान, ड्रग्स (निर्धारित दवाओं के अलावा) से बचें। अपने डाक्टर से सलाह लें और शराब की सेवन एकदम कम मात्रा में करें।

ढीले कपडे पहनें: ऐसे कपडे पहने जिनसे आपके अंडकोश (testicles) पर दबाब न पड़े। गर्मी अंडकोश के लिए हानिकारक होती है, इसलिए ढीले वस्त्र जिसमें हवा का प्रवेश हो पहनें। अंडकोश का शरीर से बाहर होने का एकमात्र कारण यही है, ताकि उनमें ठंडक बनी रहे।

साइकिल से उतर जाएं: साइकिल की सीटें वीर्य को कम करने के लिए प्रख्यात है, अगर कुछ पल के लिए आप सोचेंगे तो आपको महसूस होगा कि क्यों! दबाव, धक्का और उछाल- वीर्य को इनमें से कुछ भी पसंद नहीं है । जब ज्यादा वीर्य उत्पन्न करने की इच्छा हो तो कार या बस का प्रयोग करें।

गर्म टब से बाहर निकलें: यह सुखद तो होता है, लेकिन जब आप मनमोहक क्रिया में खोए होते हैं, आपके अंडकोश गर्मी से तप जाते हैं। टब में विश्राम को किसी और समय के लिए छोड़ दें।

तनाव दूर करें: तनाव जानलेवा होता है। हालांकि, आप इसे कुछ समय के लिए संभाल लेंगे, मगर आपका वीर्य इतना मजबूत नहीं होता। तनाव वीर्य उत्पन्न करने वाले हार्मोन को कम कर देता है।

अपने वज़न की जांच करें: ज्यादा या कम वजन हार्मोन प्रक्रिया के संचालन में प्रभाव डालता है। एस्ट्रोजन (estrogen) की ज्यादा मात्रा या टेस्टोश्टेरोन (testosterone) की कमी वीर्य की मात्रा में गलत प्रभाव डाल सकता है। जिम ज्वाइन करें, और खुद को प्रोत्साहित करने के लिए नए और दिलचस्प तरीके ढ़ूढें ताकि, अपने वज़न कम करने की लक्ष्य को आप पूरा कर पाएँ।

स्टेरॉयड (steroids) का सेवन समाप्त करें: यह भले ही आपकी मसल्स को बनाने में मददगार होंगे, लेकिन इससे आपके अंडकोश पर बुरा असर पड़ता है। वीर्य की मात्रा के अनुरूप ऐसा कौन चाहेगा? ऐनेबोलिक स्टेरइड (anabolic steroids) आपके समस्त स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

आराम करने की आवश्यकता समझें: आपका शरीर ज्यादातर जरूरी काम सोने के क्रम में करता है और इसमें वीर्य की उत्पत्ति भी सम्मिलित है। 8 घंटों की नींद अतिआवश्यक है, जब आप वीर्य की मात्रा को बढ़ाना चाहते हों।

PC मसल्स (pubococcygeus muscle) की एक्सरसाइज करें: PC मसल्स ना सिर्फ ज्यादा समय तक संभोग (sex) करने में काम आता है बल्कि वीर्य की मात्रा को भी बढ़ाता है। आप बहुत सारे PC मसल्स के व्यायाम अपनी साथी को संतुष्ट और सन्तान जन्म में सफलता पाने के लिए कर सकते हैं।

संभोग करते समय चिकनाहट वाले पदार्थ का उपयोग नहीं करें: क्रिया के क्रम में यह उपयोगी हो सकता है, मगर संतान सुख के लिए यह हानिकारक होता है। चिकनाई वाले पदार्थ जैसे थूक, लोशन, या जेली वीर्य की गतिविधि को रोक सकता है। आप कुछ ख़ास प्रकार के लुब्रिकेंट्स जैसे प्रीसीड (PreSeed) का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसका वीर्य पर कोई प्रभाव नहीं होगा।

खुद को विषात्क रसायन और विकिरण से दूर रखें: विषात्क रसायन और विकिरण आपके वीर्य को स्थायी हानि पहुंचा सकता है। अगर आप विषात्क रसायनों का प्रयोग हमेशा करते हैं तो रक्षात्मक चीजें (दस्ताना, मास्क) का प्रयोग जरूर करें, ताकि आपके चमड़े पर इसके प्रभाव कम कर हो। विकिरण वाले जगहों से बचें और इसका उपयोग चिकित्सक प्रक्रिया तक ही सीमित रखें।

ध्यान दें: ऊपर दी गई सलाह न सिर्फ आपके वीर्य की संख्या (sperm count) को बढ़ाएगा, बल्कि उसे स्वस्थ और सक्रिय भी बनाएगा। और किसी एक वीर्य की किस्मत से आपको सन्तान सुख भी प्राप्त हो जाएगा!

कैसे वीर्य की मात्रा बढ़ाएँ (Sperm, Shukranu ki sankhya)| वीर्य की कमी | घरेलू इलाज | Gharelu Ilaj | How To Increase Sperm

Saturday, 20 August 2016

आपका हर्बल चिकित्सक आपकी सारी सेक्स सम्बंधी समस्याएं अलसी खिला कर ही दुरुस्त कर देगा क्योंकि अलसी आधुनिक युग में स्तंभनदोष के साथ साथ शीघ्रस्खलन, दुर्बल कामेच्छा, बांझपन, गर्भपात, दुग्धअल्पता की भी महान औषधि है।

सेक्स संबन्धी समस्याओं के अन्य सभी उपचारों से सर्वश्रेष्ठ और सुरक्षित है अलसी। बस 30 ग्राम रोज लेनी है।


• सबसे पहले तो अलसी आप और आपके जीवनसाथी की त्वचा को आकर्षक, कोमल, नम, बेदाग व गोरा बनायेगी। आपके केश काले, घने, मजबूत, चमकदार और रेशमी हो जायेंगे।



• अलसी आपकी देह को ऊर्जावान, बलवान और मांसल बना देगी। शरीर में चुस्ती-फुर्ती बनी गहेगी, न क्रोध आयेगा और न कभी थकावट होगी। मन शांत, सकारात्मक और दिव्य हो जायेगा।

• अलसी में विद्यमान ओमेगा-3 फैट, जिंक और मेगनीशियम आपके शरीर में पर्याप्त टेस्टोस्टिरोन हार्मोन और उत्कृष्ट श्रेणी के फेरोमोन ( आकर्षण के हार्मोन) स्रावित होंगे।

टेस्टोस्टिरोन से आपकी कामेच्छा चरम स्तर पर होगी। आपके साथी से आपका प्रेम, अनुराग और परस्पर आकर्षण बढ़ेगा।

आपका मनभावन व्यक्तित्व, मादक मुस्कान और षटबंध उदर देख कर आपके साथी की कामाग्नि भी भड़क उठेगी।
• अलसी में विद्यमान ओमेगा-3 फैट, आर्जिनीन एवं लिगनेन जननेन्द्रियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं, जिससे शक्तिशाली स्तंभन तो होता ही है साथ ही उत्कृष्ट और गतिशील शुक्राणुओं का निर्माण होता है। इसके अलावा ये शिथिल पड़ी क्षतिग्रस्त नाड़ियों

का कायाकल्प करते हैं जिससे सूचनाओं एवं संवेदनाओं का प्रवाह दुरुस्त हो जाता है। नाड़ियों को स्वस्थ रखने में अलसी में विद्यमान लेसीथिन, विटामिन बी ग्रुप, बीटा

केरोटीन, फोलेट, कॉपर आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ओमेगा-3 फैट के अलावा सेलेनियम और जिंक प्रोस्टेट के रखरखाव, स्खलन पर नियंत्रण, टेस्टोस्टिरोन और

शुक्राणुओं के निर्माण के लिए बहुत आवश्यक हैं। कुछ वैज्ञानिकों के मतानुसार अलसी लिंग की लंबाई और मोटाई भी बढ़ाती है।इस तरह आपने देखा कि अलसी के सेवन से

कैसे प्रेम और यौवन की रासलीला सजती है, जबर्दस्त अश्वतुल्य स्तंभन होता है, जब तक मन न भरे सम्भोग का दौर चलता है, देह के सारे चक्र खुल जाते हैं, पूरे शरीर में

दैविक ऊर्जा का प्रवाह होता है और सम्भोग एक यांत्रिक क्रीड़ा न रह कर एक आध्यात्मिक उत्सव बन जाता है, समाधि का रूप बन जाता है।

Wednesday, 10 August 2016

स्त्री की सुन्दरता तथा यौवन का निखार पुष्ट स्तनों से दिखाई देता है| इसलिए से प्राय: अपना स्तन पुष्ट और कठोर बनाने के लिए प्रयत्नशील रहती हैं| स्तनों में ढीलापन होना, समय के साथ उनका विकास न होना तथा उनमें कठोरता का अभाव होना आदि स्थितियां स्त्री को हीन भावना से ग्रस्त कर देती है|




कारण
शारीरिक कमजोरी, मासिक धर्म की अनियमितता, अधिक सम्भोग, शरीर में बुखार का रहना आदि कारणों से स्तन ढीले पड़ जाते हैं| कुछ स्त्रियों के स्तनों की गोलाई बहुत कम होती है| ऐसी हालत में स्त्री को कोई न कोई रोग अवश्य होता है, क्योंकि तब स्तनों को पुष्ट करने वाले हारमोन ठीक से नहीं बन पाते हैं|

पहचान
ऐसी स्त्रियों के स्तन ढीले अथवा छोटे होते हैं| उन्हें घर, परिवार तथा स्त्री-समाज में एक प्रकार की लज्जा का अनुभव होता है| वे हीन भावना से ग्रस्त तथा चिंतित रहती हैं|



स्तनों का ढीलापन दूर करने के घरेलु नुस्खे:


  • गाय का घी, काले तिल, काली निशोथ, बच तथा सोंठ - सबको मिलाकर पीस लें| फिर इनको आधा किलो तिली के तेल में पकाएं| थोड़ी देर बाद तेल को ठंडा करके शीशी में भर लें| इस तेल की मालिश सुबह स्नान करने से पूर्व स्तन पर 10 मिनट तक करें| स्तन पुष्ट तथा कठोर हो जाएंगे|
  •  जैतून के तेल में थोड़ी-सी फिटकिरी पीसकर मिला लें| फिर इस तेल से स्तनों की अच्छी तरह मालिश करें|
  • कंधारी अनार के छिलकों को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें| इसमें 5 ग्राम पिसी हुई हल्दी मिलाए| अब इसे दोनों स्तनों पर निप्पल छोड़कर लगाएं| सूखने के बाद उरोजों को धो डालें| शीघ्र ही स्तनों की ढीली मांसपेशियों में तनाव आ जाएगा|
  • एक अंडा, नीबू का रस 10 ग्राम और बेसन 10 ग्राम - तीनों को दूध के साथ अच्छी तरह फेंट लें| फिर इस पेस्ट को स्तनों पर लगाएं|
  • राई पीसकर स्तनों पर लगाएं| स्तन पुष्ट हो जाएंगे|
  • बरगद के दूध की स्तनों पर मालिश करें|
  • एरण्ड के पत्तों को गन्ने के सिरके में पीसकर स्तनों पर लेप लगाएं|
  • शहद में माजूफल का चूर्ण मिलाकर स्तनों पर लेप करें|

Saturday, 6 August 2016

पुरूष अपने शिश्न या लिंग के द्वारा शुक्राणु को स्त्री के योनि में डालता है। लिंग की लम्बाई 7.5 सेटीमीटर से लेकर 10 सेंटीमीटर तथा इसकी चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर होती है।

संभोग करने के लिए लिंग का छोटा या बड़ा होना ज्यादा मायने नहीं रखता है। कुछ लोग अपने लिंग को छोटा होने पर अपने दिमाग में कुछ हीन भावना बना लेते हैं। इससे वह मानसिक रूप से प्रभावित हो जाते है। ऐसी स्थिति में लिंग बढ़ाना आवश्यक हो जाता है।



यदि ३ से ४ इंच लम्बा हो तो सेक्स में कोई रुकावट नहीं होती है. लेकिन इतनी लम्बाई से बच्चेदानी के मुह पर प्रहार कम होता है और जी पॉइंट पर घर्षण में भी कमी रहती है.


ज्यादा सब्जियां और फल खाएं: उन फलों और सब्जियों को खाएं जिनमें ऐंटि-ऑक्सिडेंट ज्यादा हो। यह कंपाउंड धमनियों में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और धमनियों को मजबूत बनाता है।इसलिए ऐंटि-ऑक्सिडेंट से भरपूर फल और सब्जियों के सेवन से आप अपने पेनिस के साइज को बढ़ा सकते हैं।

स्मोकिंग करना छोड़ दें: सिगरेट के छोटे-छोटे कण धमनियों को ब्लॉक कर देते हैं जिससे शरीर के सभी हिस्सों तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंच पाता और शरीर के ठीक से विकास नहीं हो पाता। यही बात शरीर के दूसरे हिस्से के साथ पेनिस पर भी लागू होती है। इसलिए स्मोकिंग करना बंद कर दें।

नियमित एक्सर्साइज करें: सिर्फ मजबूत मसल्स और वेट कम करने के लिए ही जिम जाने की वजह नहीं होती। अगर आप अपने पेनिस (लिंग) का साइज बढ़ाना चाहते हैं तो जिम जाइए, जिससे धमनियां का रास्ता साफ हो और बल्ड सर्कुलेशन भी ठीक ढंग से हो।

हाई कैलरी के खाने को न कहें: ज्यादा फैट और कैलरी वाले खाने से न सिर्फ दिल की बीमारियों का खरता बढ़ जता है बल्कि पेनिस के छोटे होने का भी खतरा रहता है।

ऐक्ससार्इज और शारीरिक मेहनत न करने पर आपके धमनियों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का भी खतरा रहता है, जिससे आपके लिंग में बल्ड सर्कुलेशन कम हो सकता है। इसलिए मोटे और स्वस्थ पेनिस (लिंग) के लिए जंक फूड खाना छोड़ दें।

मेडिटेशन करें: बेहतर सेक्स लाइफ के लिए मेडिटेशन करिए या योगा करिए। मेडिटेशन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और पेनिस का साइज बढ़ता है।

पेट का फैट कम करिएः ज्यादा भारीभरकम पेट से पेनिस (लिंग) छोटा लगने लगता है। भले ही पेनिस (लिंग) बड़ा भी है लेकिन आपके भारीभरकम पेट के सामने वह छोटा ही नजर आएगा। इसलिए पेट के फैट को कम करिए।

तनाव कम करिएः निराशा और तनाव भी पेनिस के साइज को घटा देते हैं क्योंकि तनाव की स्थिति में ब्लड पेनिस से वापस लौट जाता है और पेनिस का साइज बढ़ नहीं पाता। परफॉर्मेंस का डर भी पेनिस के छोटे होने के कारणों में से एक है।

बॉडी को वॉर्म अप करिएः ठंडा तापमान पेनिस के साइज को घटाता है। इसलिए शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म शॉवर लीजिए इससे शरीर में खून का प्रवाह बेहतर होगा ऐर पेनिस का साइज बढ़ जाएगा भरपूर फोरप्ले कीजिये. 

यदि लिंग की लम्बाई ५ इंच या अधिक है तो प्रकृति ने आपको इनाम दिया है.यदि लिंग की लम्बाई ३ इंच है तो एक परेशानी जरूर आती है कि बच्चा रुकने में कुछ महीने लग सकते हैं. वैसे तो यह परेशानी ४ से ५ इंच वालों को भी आ सकती है 

यदि वो लिंग को स्खलन के समय पूरा दबाव नहीं देते हैं तो और थोडा  ऊँचा कर लेते हैं. बहुत से लिंग को बढ़ाना चाहते है

Thursday, 4 August 2016


महिलाये प्रेगेंसी के दौरान शारीरिक संबध बनाने से डरती है उनको लगता है ऐसा करने से उनके स्वास्थ्य और बच्चे पर बुरा असर पड़ेगा लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है की ऐसा नही है

एक्सपर्ट का मानना है कि जब आपकी नार्मल प्रेगेंसी हो और जब तक आपको महसूस न हो शारीरिक संबध बनाने में कोई बुराई नही है इसके अलावा लिंग आकार में जितना बड़ा हो यह बच्चे तक नही पहुच पाता है एक्सपर्ट के मुताबिक इसके अलावा प्रेगेंसी के दौरान संबध कुछ फायदे भी है


9 Benefits of $ex in Pregnancy:

प्रेगेंसी के दौरान संबध बनाने से वास्तव में अच्छा महसूस होता है क्योंकि खून का बहाव पेल्विक एरिया में होता है जिससे संबध बनाने के दौरान उत्तेजना बढ़ जाती है  कुछ महिलाओ ने बताया कि वास्तव में वे प्रेगेंसी के दौरान हैरतअंगेज क्लाइमेक्स पर पहुंच जाती है



- जब महिलाये उम्मीद से होती है तो पति पत्नी के संबध में थोड़ा खिंचाव आ जाता है लेकिन प्रेगेंसी के दौरान शारीरिक संबध बनाने से आक्सीटोसिन नाम का हार्मोन्स रिलीज़ होता है जो पति पत्नी के बीच संबध को मजबूत बनाता है

- प्रेगेंसी के दौरान संबध बनाने से महिला के दिमाग को शांति मिलती है और उनको बेहतर नीद आती है इससे ब्लड प्रेसर को कम करने में मदद मिलती है

- वीर्य में एक अजूबा प्रोटीन होता है जो गर्भवती महिलाओ में बेहोशी की समस्या को दूर करता है प्रेगेन्सी के दौरान महिलाओ में इस तरह की समस्या का खतरा रहता है  जो बच्चे के लिए घातक हो सकता है

Sunday, 31 July 2016

महिलाओं को अक्सर जननांग में खुजली की समस्या हो जाती है। जननांग की खुजली तब सबसे ज्यादा परेशानी पैदा करती है जब आप काम के सिलसिले में बाहर हों तथा खुजली पर नियंत्रण न कर पा रही हो। इससे महिलाओं को शर्मिंदगी और खिन्नता महसूस हो सकती है इसलिए इस समस्या को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।


1-  महिलाओं को होती है जननांग की खुजली महिलाओं को अक्सर जननांग में खुजली की समस्या हो जाती है। जननांग की खुजली तब सबसे ज्यादा परेशानी पैदा करती है जब आप काम के सिलसिले में बाहर हों तथा 



खुजली पर नियंत्रण न कर पा रही हो। इससे महिलाओं को शर्मिंदगी और खिन्नता महसूस हो सकती है इसलिए इस समस्या को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। जननांग में खुजली के कई कारण हो सकते हैं। इसका सबसे आम कारण मासिक धर्म के समय उपयोग में लाये जाने पैड्स में उपस्थित केमिकल्स हो सकते हैं। बहुत अधिक कसे हुए  

कपडे पहनने से भी योनि की खुजली की समस्या हो सकती है। सेक्स संबंध बनाने के बाद स्वच्छता की ओर ध्यान न देना भी योनि में खुजली का कारण बन सकता है।

जननांग में खुजली की समस्या से निपटने के लिए आप इन 8 घरेलू उपायों को अपना सकती हैं।:

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बर्फ से सेंक दें जननांग की खुजली रात के समय अधिक परेशान है। इससे आपकी नींद में बाधा पहुँचती है तथा खुजली के साथ-साथ आप थकान और सुस्ती महसूस करते हैं। रात में अधिक होने वाली इस खुजली को रोकने के लिए योनि पर सीधे ही बर्फ़ लगायें या योनि को ठंडा सेंक दें। यह काम थका देने वाला हो सकता है।

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ऐप्पल सीडर विनेगर ऐप्पल सीडर विनेग एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल होता है। यदि जननांग की खुजली बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण के कारण है तो ऐप्पल सीडर विनेगर से उसे दूर किया जा सकता है। ऐप्पल सीडर विनेगर का लाभ उठाने के लिए दो चम्मच ऐप्पल सीडर विनेगर को गर्म पानी में मिलाएं। दो तीन दिन तक दिन में दो बार जननांग को इस मिश्रण से धोएं।

4) लहसुन

लहसुन 2-3 लहसुन की कलियाँ चबाकर खाएं। लहसुन का पेस्ट बनायें तथा जाली के एक कपड़े में इसे बांधकर योनि के अंदर लगायें। इससे दुर्गन्ध आ सकती है परंतु इससे मिलने वाला आराम बहुत आश्चर्यजनक होता है।
 
5 ) दही

जनगांग की खुजली के उपचार के लिए प्रतिदिन एक कप बिना शक्कर वाला दही खाएं। दही के उपयोग का अन्य तरीका यह है कि इसे योनि पर लगाया जाए जिससे तुरंत आराम मिलता है। सीधे दही उस स्थान पर लगाने से योनि की खुजली तुरंत बंद हो जाती है। नियमित उपयोग से समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती है।
 
6) - नमक से स्नान

नमक में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। नमक के ये गुण खुजली तथा बैक्टीरिया को प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं। जब भी आपको खुजली महसूस हो तब नमक के गाढ़े घोल से जननांग को धो लें। इससे आपको तुरंत आराम मिलेगा और यह बैक्टीरिया को आगे बढ़ने से भी रोकेगा। या ऐसा भी कर सकती हैं कि टब को गर्म पानी से आधा भरें तथा इसमें आधा कप नमक डालें। टब में पालथी मारकर बैठें।

7) - तुलसी की पत्तियां

तुलसी की पत्तियों में एंटी माइक्रोबियल, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। तुलसी की कुछ पत्तियां लें तथा इसे दो कप पानी में उबालें। इसे 20 मिनिट तक भिगो कर रखें जब तक पानी गाढ़ा न हो जाए। योनि की खुजली दूर करने के लिए इस पानी को दिन में दो बार पीयें।

8) - सूखा रखें जननांग

पसीने और पानी के कारण यदि योनि में नमी रहती है तो इससे उस स्थान पर बैक्टीरिया और फंगस पैदा होते हैं, जिसके कारण संक्रमण और शर्मिन्दगी पैदा करने वाली स्थिति उत्पन्न होती है। हमेशा ध्यान रखें कि संक्रमण को रोकने के लिए योनि को नमी से मुक्त रखें।
 
9) - ढीले कपडे पहनें

कहा जाता है कि इलाज से बेहतर है रोकथाम करना। यदि आपको कभी भी योनि में खुजली की समस्या हुई है तो तो आप जानेंगे कि इस समस्या को दूर रखने के लिए यह सलाह क्यों उपयुक्त है। ढीले कपड़े पहनने से आपको योनि में खुजली की समस्या नहीं होती।
यौन कमज़ोरी, शीघ्र पतन, नपुंसकता आदि को दूर करने के लिए आदमी क्या अंट शंट दवाएं बिना उनका कुप्रभाव जाने ही खाता है, और अंत में उसका जीवन नरक बन जाता है। हमारी प्राकृतिक सम्पदा इतनी विशाल है के हर बड़ी से बड़ी कमज़ोरी को चुटकियों में खत्म कर सकती है। बस धैर्य से इनका उपयोग करें। आज हम इसी सन्दर्भ में आपको बता रहे हैं उन सब्जियों के बारे में, उपयोग वियाग्रा से कहीं अधिक और सेहत की लिहाज से बहुत ही उम्दा है। आईये जानते हैं –

कुछ ऐसी सब्जियां जो आपको वियाग्रा से भी ज्यादा $ex पावर दे सकती है:

1) चुकंदर
यह सब्जी बिस्तर में आप के लिए चमत्कार कर सकती है। चुकंदर नाइट्रेट से भरपूर होता है, जो जननांगों तक रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है। यह ऐसे पोषक तत्वों से भरपूर है जो कि प्राकृतिक रूप से शरीर को डिटॉक्स करते है और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में बहुत मददगार है, इन कारणों से ये बिस्तर में आप की परफॉरमेंस को कई गुना बढ़ा सकता है।

2) गाजर
गाजर में विटामिन ऐ पाया जाता है। सेक्स और विटामिन का आपस में बहुत गहरा सम्बन्ध है। सम्भोग से कुछ देर पहले अगर एक गाजर चबा चबा कर खायी जाए तो ये आपकी परफॉरमेंस को बढ़ा देगी। गाजर में पाया जाने वाला विटामिन ऐ वीर्य और पुरुषत्व को बढ़ा देता है।

3) लहसुन
लहसुन को कामोद्दीपक होने का गौरव हासिल हैं और इसके कई कारण हैं। एलिसन जो लहसुन में प्रमुख घटक है ये जननांगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और रक्त वाहिकाओं को फैला देता है, जिससे यौन क्षमता और प्रदर्शन में काफी सुधार होता है। कई क्षेत्रों में इसकी चटनी भी बना कर खायी जाती है।

4) प्याज
लहसुन की तरह, प्याज भी अपने कामोद्दीपक गुणों के लिए जाना जाता है। सीमित मात्रा में प्याज का नियमित सेवन किया जाए तो ये यौन अंगों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे कर कामेच्छा में सुधार करता है।

5) भिन्डी
भिन्डी विटामिन और जिंक का एक बड़ा स्रोत है। जिंक की कमी स्तंभन समस्याओं के प्रमुख कारणों में से एक है। ये थकावट को खत्म कर यौन शक्ति को पुनर्जीवित करता है।
6) मशरूम
मशरूम में उत्तम स्वास्थ्य के लिये सभी प्रमुख खनिज लवण जैसे –पोटैशियम, फास्फोरस, सल्फर, कैलिशयम, लोहा, ताँबा, आयोडीन और जिंक आदि प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। यह खनिज अस्थियों, मांसपेशियों, नाड़ी संस्थान की कोशाओं तथा शरीर की क्रियाओं में सक्रिय योगदान करते हैं। शाकाहारी लोगों के लिए मशरूम एक महा औषिधि है। इसका सेवन आपकी सभी कमज़ोरियों को ख़त्म कर आपको बहुत ताक़त देगा।
7) पालक
पालक में फोलेट उच्च मात्रा में होता है, यह एक एमिनो एसिड है, इसके साथ में पालक रक्त में होमोसिस्टीन का स्तर कम करने में बहुत मदद करता है, होमोसिस्टीन एक हानिकारक पदार्थ है जो कि धमनियों और अन्य रक्त वाहिकाओं में प्लाक का निर्माण कारण बन सकता है। रात से पहले पालक के सूप का एक कटोरा जननांग क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार कर आपकी परफॉरमेंस को बढ़ा देगा।

कुछ ऐसी सब्जियां जो आपको वियाग्रा से भी ज्यादा $ex पावर दे सकती है


8) ब्रोकोली
पालक की तरह ब्रोकोली भी जननांगों में रक्त परिसंचरण में सुधार कर आपको बिस्तर पर अच्छा परफ़ॉर्मर बनाता है।

9) टमाटर
टमाटर में पाया जाने वाला लाइकोपीन नामक एंटी ऑक्सीडेंट एक प्राकृतिक कामेच्छा बूस्टर होने के लिए जाना जाता है। शीघ्र पतन या कमज़ोरी को खत्म कर पुरुषत्व को बढ़ाने में बहुत कारगार है। ये प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करने के लिए और भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षणों में सुधार में बहुत मदद करता है।

यहाँ पर बताये गयी सभी सब्जियां आपको एक ही बार में कामदेव नहीं बना सकती, इनको निरंतर अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनायें। थोड़े से दिनों में आपकी परफॉरमेंस में ग़ज़ब का निखार आएगा।

Thursday, 28 July 2016

आयुर्वेद के बलपुष्टिकारक, ओजवर्द्धक, दौर्बल्यनाशक एवं धातु पौष्टिक अधिकांश नुस्खों में शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है।

Shilajit uses in hindi:

इसकी एक बहुत बड़ी विशेषता यह है कि यह सिर्फ रोग ग्रस्त का रोग दूर करने के लिए ही उपयोगी नहीं है, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी उपयोगी है। इसे यौन दौर्बल्य यानी 
विशेषकर मधुमेह, धातु क्षीणता, बहुमूत्र, स्वप्नदोष, सब प्रकार के प्रमेह, यौन दौर्बल्य यानी नपुंसकता, शरीर की निर्बलता, वृद्धावस्था की निर्बलता आदि व्याधियों को दूर करने के लिए शिलाजीत उत्तम गुणकारी सिद्ध होती है।
नपुंसकता से पीड़ित विवाहित व्यक्ति ही नहीं, अविवाहित युवक भी सेवन कर सकता है।



शिलाजीत के नुकसान:

स्वप्नदोष :

* शुद्ध शिलाजीत 25 ग्राम, लौहभस्म 10 ग्राम, केशर 2 ग्राम, अम्बर 2 ग्राम, सबको मिलाकर खरल में खूब घुटाई करके महीन कर लें और 1-1 रत्ती की गोलियां बना लें। एक गोली सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष होना तो बंद होता ही है, साथ ही पाचनशक्ति, स्मरण शक्ति और शारीरिक शक्ति में भी वृद्धि होती है, इसलिए यह प्रयोग छात्र-छात्राओं के लिए भी उपयोगी है।
* शिलाजीत और बंगभस्म 20-20 ग्राम, लौहभस्म 10 ग्राम और अभ्रक भस्म 5 ग्राम, सबको मिलाकर खरल में घुटाई करके मिला लें और 2-2 रत्ती की गोलियां बना लें। सुबह-शाम एक-एक गोली दूध के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष होना बंद होता है और शरीर में
बलपुष्टि आती है। यदि शीघ्रपतन के रोगी विवाहित पुरुष इसे सेवन करें तो उनकी यह व्याधि नष्ट होती है। खटाई और खट्टे पदार्थों का सेवन बंद करके इन दोनों में से कोई एक नुस्खा कम से कम 60 दिन तक सेवन करना चाहिए।

मधुमेह :


* शुद्ध शिलाजीत 20 ग्राम, विजयसार चूर्ण 40 ग्राम, हरिद्रा (हल्दी) 20 ग्राम, मैथी का चूर्ण 40 ग्राम, सबको मिलाकर बारीक पीस लें। (शिलाजीत को सुखाकर पीसें और मिला लें)। जामुन के शरबत के साथ आधा चम्मच चूर्ण सेवन करने से शर्करा नियंत्रित रहती है। जामुन का शरबत घर पर बना लें या जामुन का सिरका बाजार से लाकर प्रयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार प्रमेह गज केसरी और शिलाजत्वादि वटी अम्बरयुक्त की 1-1 गोली सुबह-शाम दूध के साथ लेने से भी मधुमेह में लाभ होता है। यह दोनों योग शिलाजीत युक्त हैं।

उच्च रक्तचाप : शुद्ध शिलाजीत 2-2 रत्ती मात्रा में अनन्तमूल और मुलहठी के दो चम्मच भरकर काढ़े के साथ सुबह लेना चाहिए। रात को पेट साफ करने के लिए स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण एक चम्मच गर्म पानी के साथ फांककर लेना चाहिए। इस प्रयोग के सेवन से उच्च रक्तचाप सामान्य होता है।

सिर दर्द : शुद्ध शिलाजीत 5 ग्राम, गिलोय सत्व और मजीठ चूर्ण 20-20 ग्राम, सबको मिलाकर एक शीशी में भर लें। आंवले के मुरब्बे के साथ, आधा-आधा चम्मच, दिन में चार बार सेवन करने से कुछ दिनों में सिर दर्द होना बंद हो चाता है।

यकृत विकार : शुद्ध शिलाजीत और लौह भस्म 2-2 रत्ती तथा त्रिफला चूर्ण आधा चम्मच, तीनों मिलाकर सुबह और रात को सोने से पहले आधा कप गोमूत्र के साथ लेने से यकृत विकार दूर होता है।
कुछ स्थितियों में वर्जित

* यदि रोगी पित्त प्रकोप (एसिडिटी) या अम्ल पित्त (हायपर-एसिडिटी) से पीड़ित हो, आंखों में लाली रहती हो, पेट में अल्सर हो, शरीर की उष्णता बढ़ी हुई रहती हो और किसी भी अंग में जलन होती हो तो ऐसी अवस्था ठीक न होने तक उसे शिलाजीत का सेवन नहीं करना चाहिए।

* शिलाजीत का सेवन करते हुए स्त्री सहवास, लाल मिर्च, जलन करने वाले और उष्ण प्रकृति के पदार्थ, तेज मिर्च-मसालेदार व्यंजन, मांस, अंडा, शराब, मछली, कुलथी, मकोय, तेल गुड़, खटाई, तेज धूप, रात्रि जागरण, सुबह देर तक सोना, मलमूत्र के वेग को रोकना, कब्ज, लगातार बहुत अधिक मात्रा में श्रम या व्यायाम अपथ्य है।

शिलाजीत से बनी अन्य औषधियां:


शुद्ध शिलाजीत निरंतर सेवन करने से शरीर पुष्ट तथा स्वास्थ्य बढ़िया रहता है। 
आयुर्वेद में ऐसे कई योग हैं, जिनमें शुद्ध शिलाजीत होती है जैसे 

  1. --सूर्यतापी शुद्ध शिलाजीत बलपुष्टिदायक है, 
  2. --शिलाजत्वादि वटी अम्बरयुक्त मधुमेह और शुक्रमेह नाशक है,
  3. -- शिलाजतु वटी आयुवर्द्धक है, वीर्यशोधन वटी स्वप्नदोष और धातु क्षीणता नाशक है
  4. --चंद्रप्रभावटी विशेष नं. 1 मूत्र विकार और स्वप्नदोष नाशक है, 
  5. --प्रमेहगज केसरी मधुमेह नाशक है, आरोग्य वर्द्धिनी वटी विशेष नं. 1 उदर विकार नाशक है और 
  6. --ब्राह्मी वटी मस्तिष्क को बल देने वाली और स्मरण शक्तिवर्द्धक है। 
  7. --शिलाजीतयुक्त से सभी औषधियां बनी बनाई औषधि विक्रेता की दुकान पर इन्हीं नामों से मिलती है।


शिलाजीत एक गाढ़ा, लसलसेदार पदार्थ है जो हिमालय, गिलगित बल्टिस्तान, अल्ताई तथा काकेसस के पर्वतों में पाया जाता है।

Monday, 25 July 2016

कपल्स सरल और अचूक घरेलू नुस्खों द्वारा अपनी सेक्स लाइफ को आकर्षक बना सकते हैं, आइए जानते हैं, कैसे-

* 2-4 सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में पकाकर खाएं और ऊपर से दूध पीएं। इसके सेवन से शरीर में नई शक्ति आती है।

* 7-7 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, मिश्री और शहद लेकर इसमें 15 ग्राम गाय का घी मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।

* 50 ग्राम उड़द या उड़द की दाल को पानी में भिगोकर छिल्का निकाल लें, फिर इसे घी में भूनकर दूध, शकर, बादाम, मुनक्का आदि डालकर खीर बनाकर खाएं। इसका नियमित सेवन करने से महिला व पुरुष दोनों का सेक्सुअल पॉवर बढ़ता है। 

* 10-10 ग्राम शहद, अदरक का रस व प्याज का रस और 5 ग्राम घी- सबको एकसाथ मिलाकर सेवन करने से सेक्सुअल पावर बढ़ता है। इस नुस्खे का इस्तेमाल नियमित रूप से 21 दिन तक सुबह के समय करना चाहिए


 Good sexual relations between husband and wife

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