हम क्यों मनाते हैं बाल दिवस ? | Happy Children Day 2017

Monday 21 November 2016

शक्ति कमजोरी से पीडित रोगियो को शुरू में 5-5 घंटे के अंतराल से विशेष रूप से ताजा फलो का आधार लेना चाहिए उसके बाद वह पुन: अपनी नियमित खुराक धीरे-धीरे प्रारंभ कर सकते है। रोगी को धूम्रपान , शराब चाय तथा कॉफी के सेवन से बचना चाहिए, और विशेष रूप से सफेद चीनी तथा मैदे या उनसे बने उत्पादो का परहेज करना चाहिए।

30 ग्राम किशमिश को गुनगुने पानी मे धोए, 200 मिली दूध मे उबाले तथा दिन मे तीन बार सेवन करे। ध्यान रखिए की प्रत्येक बार ताजा मिश्रण तैयार करे। धीरे धीरे 30 ग्राम किशमिश की मात्रा को 50 ग्राम तक करें।


15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन दुर्बलता दूर होती है।

शारीरिक कमजोरी दूर करने के उपाय:



केला : दिन में खाना-खाने के बाद 2 या 3 पके केले रोजाना नियमित रूप से खाने से शरीर में शक्ति, मांस और चर्बी बढ़ती है। इसका प्रयोग लगातार 2 महीने तक करने से शरीर सुंदर बन जाता है।

आंवला : लगभग 10 ग्राम की मात्रा में हरे आंवला को लगभग इतनी ही मात्रा में शहद में मिलाकर खाने से मनुष्य के वीर्य-बल में वृद्धि होती है। आंवलों के मौसम में इसका सेवन रोजाना सुबह के समय लगभग 1 से 2 महीने तक करना चाहिए।

बराबर मात्रा में आंवले का चूर्ण, गिलोय का रस, सफेद मूसली का चूर्ण, गोखरू का चूर्ण, तालमखाना का चूर्ण, अश्वगंध का चूर्ण, शतावरी का चूर्ण, कौंच के बीजों का चूर्ण और मिश्री का चूर्ण लेकर इनका मिश्रण बना

लें। अब इस मिश्रण को रोजाना सुबह और शाम को लगभग 10 से 15 ग्राम की मात्रा में फांककर ऊपर से हल्का गर्म दूध पीने से मनुष्य के संभोग करने की शक्ति का विकास होता है। इसको लगातार 3 या 4

महीने तक फायदा होने तक खाना चाहिए।

किशमिश : सुबह के समय लगभग 25 से 30 किशमिश लेकर इनको गर्म पानी से धोकर साफ कर लें और कच्चे दूध में डाल दें। आधा या एक घंटे बाद उस दूध को गर्म करें। इसके बाद किशमिश को एक-एक

करके खा लें और ऊपर से उसी दूध को पी लें। ऐसा करने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा आवश्यकता से अधिक ठंड़ का अनुभव, पुरानी बीमारी, अधिक कमजोरी, जिगर की खराबी और बदहजमी दूर हो

जाती है।

अंगूर : लगभग 25 मिलीलीटर की मात्रा में अंगूर का रस भोजन करने के आधे घंटे बाद पीने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा इसका रस पीने से पेट फूलना, अफारा, दिल का दौरा पड़ना, चक्कर आना,

सिरदर्द और भोजन न पचना आदि बीमारियां दूर हो जाती है। इसका सेवन लगभग 2 या 3 हफ्ते तक लगातार करना चाहिए। इसके अलावा इसका सेवन महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। कमजोर बच्चों को

भोजन के बाद अंगूर का रस पिलाना काफी लाभकारी सिद्ध होता है। अंगूर का रस बच्चों के चेहरे को लाल कर देता है।

पालक : शरीर में कमजोरी आने पर या खून की कमी होने पर लगभग 225 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना पालक का रस पीना चाहिए। इससे चेहरा एक दम गुलाब की तरह लाल हो जाता है। इसके अलावा इसका

रस पीने से मानसिक तनाव और हाई ब्लडप्रेशर भी सामान्य रहता है।

टमाटर : टमाटर का रोजाना सेवन करने से खून शुद्ध रहता है, और खून में वृद्धि होती है। टमाटर खाने से आंखों के रोग, जिगर में किसी तरह की खराबी आने के कारण होने वाली सुस्ती, आंतों के कीड़ें और आमाशय

की कमजोरी दूर होती है। टमाटर पाचन क्रिया को बढ़ाता है। पथरी वाले व्यक्ति को टमाटर नहीं खाना चाहिए।

सौंफ : सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह-शाम भोजन के बाद दो चम्मच लेने से दिमाग तेज होता है। इसका सेवन लगातार एक या दो महीने तक करना चाहिए।
मालकांगनी :मालकांगनी के बीज, बच, देवदारू और अतीस आदि का मिश्रण बना लें। रोज सुबह-शाम इस मिश्रण को 1 चम्मच घी के साथ पीने से दिमाग तेज और फुर्तीला बनता है।
मालकांगनी के तेल की 5-10 बूंदे मक्खन के साथ सेवन करने से भी शरीर को लाभ मिलता है।

धनिया :शक्ति को ऊर्जा भी कहते हैं। यह ऊर्जा मनुष्य को भोजन से मिलती है। परन्तु धनिया इस ऊर्जा को और बढ़ा देता है। इसके लिए आपको खाना खाने के बाद दस दाने धनिया के मुंह में डालने होंगे। इन दानों

को दाढ़ों से कुचलकर इसका रस कंठ (गले) के नीचे उतार लीजिए और दानों को थूक देते हैं। ठीक आधा घंटे बाद आप देखेंगे कि आपके शरीर में गर्मी बढ़ गई। यह गर्मी पसीना लाने वाली गर्मी नहीं होती बल्कि यह

पाचनक्रिया को सही करने वाली गर्मी होती है क्योंकि जब पाचन क्रिया में वृद्धि होगी तब भोजन समय से तथा ठीक प्रकार से पच जाएगा। इसके बाद रक्त में जो ऊर्जा पैदा होती है वह पूरे शरीर में फुर्तीलापन लाती

है।लगभग 3 ग्राम की मात्रा में साबुत सूखे धनिये को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को ठंड़े पानी और मिश्री के साथ मिलाकर गर्मी के दिनों में पीने से पित्त के कारण होने वाले रोगों से छुटकारा मिल जाता है।

200 ग्राम लहसुन पीसकर उसमें 60 मिली शहद मिलाकर एक साफ-सुथरी शीशी में भरकर ढक्कन लगाएं और किसी भी अनाज में 31 दिन के लिए रख दें। 31 दिनों के बाद 10 ग्राम की मात्रा में 40 दिनों तक इसको लें। इससे यौन शक्ति बढ़ती है।

एक ग्राम जायफल का चूर्ण प्रातः ताजे जल के साथ सेवन करने से कुछ दिनों में ही यौन दुर्बलता दूर होती है।
दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से वीर्य बढ़ता है और यौन दुर्बलता दूर होती है।
शीतकाल में सुबह दो-तीन खजूर को घी में भूनकर नियमित खाएं, ऊपर से इलायची- शक्कर डालकर उबला हुआ दूध पीजिए। यह उत्तम यौन शक्तिवर्धक है

5 मिलीलीटर से 10 मिलीलीटर के आसपास पुराने सेमल की जड़ का रस निकालकर व इसका काढ़ा बना लें तथा इसके अंदर चीनी मिला लें। इस मिश्रण को 7 दिनों तक पीने से वीर्य की बहुत ही अधिक बढ़ोत्तरी होती है। 6 ग्राम विदारीकन्द के चूर्ण में चीनी व घी मिला लें। इस चूर्ण को खाने के बाद इसके ऊपर से दूध पीने से वृद्ध पुरुष की भी संभोग करने की क्षमता कुछ ही दिन में वापस लौट आती है।

तालमखाने तथा शुद्ध कौंच के बीज के चूर्ण को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर इसके अंदर दुगुनी मिश्री मिलाकर इसका चूर्ण बनाकर रख लें। रोजाना के समय में 2 चम्मच चूर्ण (लगभग 10 ग्राम के आसपास) को ताजे दूध के साथ मिलाकर खाने से सेक्स क्रिया करने की शक्ति सें आई कमजोरी भी नष्ट हो जाती है।

तालमखाने के बीज, गोखरू, शुद्ध कौंच के बीज, शतावरी, कंघी का जड़ तथा नागबला- इन सबको बराबर-बराबर की मात्रा में ले लें। इनको लेकर कूट-पीसकर इनका चूर्ण बनाकर रख लें। रात के समय में इस चूर्ण की 6 ग्राम की मात्रा को दूध के साथ प्रयोग करें। इस चूर्ण का सेवन करने से पुरुष कमजोरी दूर हो जाती है तथा व्यक्ति संभोग करने में काफी निपुण हो जाता है।

6 ग्राम गोखरू का चूर्ण और काले तिल 10 ग्राम को बराबर मात्रा में लेकर इसे 250 मिलीलीटर बकरी के दूध में उबालकर तथा उसे ठंडा करके शहद को मिलाकर खाना चाहिए। इसका सेवन करने से हैंडप्रैक्टिस से क्रिया में आई कमजोरी भी समाप्त हो जाती है।

100ग्राम इमली के बीजों को लेकर उन बीजों को पानी में भिगोकर 4-5 दिनों के लिए रख दें तथा पाचवें दिन उन बीजों का छिलका उतारकर उनका वजन करके देखें। उनका वजन करने के बाद उनके वजन से दुगुना पुराने गुड़ (देशी ) को लेकर उन बीजों में मिलाकर रख दें। इसके बाद इन्हें बारीक पीसकर अच्छी तरह से घोट लें तत्पश्चात इस मिश्रण की चने के बराबर बारीक-बारीक गोलियां बना लें। 

सेक्स क्रिया शुरू करने  के 1 से 2 घंटे पहले दो गोलियों को खा लें। इसका सेवन करने से सेक्स शक्ति में अजीब की शक्ति आ जाती है। कई लोगो पे आजमाया गया नुस्खा है काफी लोगो की से छमता में वृधि हुई है और सार्थक परिणाम की प्राप्ति हुई है - ठण्ड के मौसम में कभी-कभी बीजो को फूलने में जादा समय लग सकता है

500 ग्राम विधारा और 500 ग्राम नागौरी असगंध- इन दोनों को ले लें। फिर इसे अच्छी तरह से कूट-पीसकर तथा इसे छानकर रख लें। सुबह के समय रोजाना इस चूर्ण को 2 चम्मच खा लें। उसके बाद ऊपर से मिश्री मिला हुआ गर्म-गर्म दूध को पी लें। इस चूर्ण का इस्तेमाल करने से बुजुर्ग व्यक्ति भी जवानों के समान संभोग करने में निपुण हो जाता है।

संतरा : 1 गिलास संतरे का रस रोजाना दो बार कुछ सप्ताह तक पीते रहने से शरीर में ताकत आ जाती है। जो बच्चे बोतल से दूध पीते हैं कमजोर होते है, उनके लिए संतरे का रस बहुत लाभदायक होता है।

सफेद पेठा : भोजन करने के बाद पेठे की मिठाई खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है। पित्त विकार में 2-2 पेठे के टुकड़े रोजाना खाने से लाभ होता है।

पुनर्नवा : पुनर्नवा को दूध के साथ खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है।

फालसा : पके फालसे का सेवन करने से शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है। यह हृदय रोग और रक्तपित्त या खूनी पित्त में भी काफी हितकारी होता है।

पपीता : बच्चों को रोजाना पपीता खिलाने से उनकी लम्बाई बढ़ती है और शरीर मजबूत तथा सेहत सही बनी रहती है।

अर्जुन :
अर्जुन बलकारक है तथा अपने लवण-खनिजों के कारण हृदय की मांसपेशियों को सशक्त बनाता है। दूध तथा गुड़, चीनी आदि के साथ जो अर्जुन की छाल का पाउडर नियमित रूप से लेता है, उसे हृदय रोग, जीर्ण ज्वर, रक्त-पित्त कभी नहीं सताते और वह चिरजीवी होता है।

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