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Wednesday 6 April 2016



 आखें शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है और इनकी देख रेख करनी बेहद जरूरी है। आंखों की सेहत भी उतनी ही जरूरी है जितनी शरीर की सेहत की। मोतिया बिन्द आंखों के लिए एक खतरनाक रोग है। समय रहते इलाज न होने से आंखे जा भी सकती है। आइये जानते हैं मोतिया बिन्द के बारे में। जब आंखों की पुतलियों पर नीले रंग का पानी से जमा होने लगता है। और धीरे-धीरे आखों की पुतलियों को ढ़कने लगता है। इससे व्यक्ति की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। और बाद में पूरी तरह से आंखों की रोशनी चली जाती है। 40 साल की उम्र के बाद मोतिया बिन्द के लक्षण अधिक होते हैं। समय रहते इलाज हो जाने से यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है। और आपकी आंखे बची रह सकती है।
मोतियाबिंद के कारण
मोतियाबिंद के मुख्य कारण हैं। डायबिटीज होना, आंख पर चोट लगना, आंखों पर घाव बनना, गर्मी का कुप्रभाव, धूम्र दृष्टि होने से आदि मोतियाबिंद के प्रमुख कारण है। इससे देखने की क्षमता खत्म हो जाती है। और इंसान अंधा हो सकता है।
मोतियाबिंद के लक्षण
1. धीरे-धीरे आंखों की नजरों का कम होना।
2. तेज रोशनी के चारों तरफ रंगीन घेरा दिखना।
मोतियाबिंद के लिए आयुवेर्दिक हेल्थ टिप्स (Ayurvedic Health Tips) जो मोतिया बिन्द को शुरू में ही रोक सकती है।
1- मोतिया बिन्द के शुरूवाती दौर में नींबू के रस में हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर घिस लें और दिन में दो बार आंखों में अंजन करते रहने से मोतिया बिन्द का बढ़ना रूक जाता है।
2- रोगी को मोतिया बिन्द के शुरूवात में ही शहद की एक बूंद प्रतिदिन आंखों में टपकाते रहने से मोतिया बिन्द का नहीं बढ़ता है।
3- गाजर का 305 ग्राम रस और पालक का 120 ग्राम रस को मिलाकर पीते रहने से मोतिया बिन्द बनना रूक जाता है।
4- एक कप पानी में 1 चम्मच पीसा हुआ धनिया को उबाल लें और फिर इसे छान कर ठंण्डा कर लें फिर 2-2 बूंदे आंखों पर टपकाते रहने से शुरूवाती दौर के मोतिया बिन्द को बढ़ने से रोका जा सकता है।
रतौंधी की समस्या दूर कैसे करें
विटामिन ए की कमी से आंखों में रतौंधी की समस्या होती है। यह आंखों की सेहत के लिए खराब होती है। इसके अलावा पोष्टिक खाने की कमी और ज्यादा तेज रोशनी में काम करते रहने की वजह से भी रतौंधी हो सकती है। इस रोग में इंसान को दिन के मुकाबले रात में कम दिखाई देता है। कभी-कभी तो बिलकुल भी नहीं दिखता है। इसे नाईट ब्लाइंडनेस भी कहते हैं।
रतौंधी के लिए आयुवेर्दिक हेल्थ टिप्स
1- रात को सोने से पहले काजल को आंखों पर लगाना चाहिए यह रतौंधी रोग को दूर करता है साथ ही आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है।
2- दूध की ताजा दही में काली मिर्च का चूर्ण बनाकर उसे मिला लें और इस पेस्ट को काजल की तरह आंखों में अंजन करने से कुछ ही दिनों में रतौंधी रोग से निजात मिलता है।
3- फली की सब्जी, गाजर का रस, टमाटर, आम, हरा धनिया आदि को अपने भोजन में शामिल करें। इससे रतौंधी जल्दी ही ठीक हो जाती है।
4- दिन में दो बार आंखों में प्याज का रस का अंजन करने से भी रतौंधी रोग दूर होता है।
यदि मोतिया बिन्द का बढ़ना रुक नहीं रहा हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाये।

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