हम क्यों मनाते हैं बाल दिवस ? | Happy Children Day 2017

Wednesday, 13 April 2016

सैंकड़ो बीमारियों का एक इलाज -प्रातः जल सेवन

आज के इस दौर में, जहाँ हमारे देशवासी छोटी-सी-छोटी तकलीफ के लिए बड़ी ही हाईपावर की दवा-गोलियों का इस्तेमाल कर अपने शरीर में जहर घोलते जा रहे हैं, वहीं 


हमारे ऋषि-महर्षियों द्वारा अनुभव कर प्रकाश में लाया गया एक अत्यधिक आसान प्रयोग, जिसे अपनाकर प्राचीनकाल से करोड़ो भारतवासी सदैव स्वस्थ व प्रसन्नचित्त रहते  हैं. आप भी उसे अपनाएं व सैकड़ो बीमारियों से छुटकारा पायें.

नयी तथा पुरानी अनेकों प्राणघातक बीमारियाँ दूर करने का एक ही सरल उपाय है –
 प्रातःकाल में जल-सेवन। प्रतिदिन प्रभात काल में सूर्योदय से पूर्व उठकर, ताँबे के पात्र  में रात का रखा हुआ 2 से 4 बड़े गिलास (आधा से सवा लीटर) पानी पी ले। पानी भरकर ताँबे का पात्र हमेशा विद्युत की कुचालक वस्तु (प्लास्टिक, लकड़ी या कम्बल) के  ऊपर रखें। खड़े होकर पानी पीने से आगे चलकर पिण्डलियों में दर्द की तकलीफ होती है। अतः किसी गर्म आसन अथवा विद्युत की कुचालक वस्तु पर बैठकर ही पानी पीयें। 

पानी में चाँदी का एक सिक्का डालकर रखने से पानी और अधिक शक्तिदायक हो जाता है। तदनंतर 45 मिनट तक कुछ खायें-पीयें नहीं। प्रयोग के दौरान नाश्ता या भोजन  करने के दो घंटे बाद ही पानी पीयें।

प्रातःकाल नियमित रूप से जल सेवन करने से निम्निलिखित नयी एवं पुरानी बीमारियों में लाभ होता हैः
कब्ज,
मधुमेह (डायबिटीज),
ब्लडप्रेशर,
लकवा (पेरालिसिस),
कफ, खाँसी, दमा (ब्रोंकाइटिस),
यकृत (लीवर) के रोग,
स्त्रियों का अनियमित मासिक स्राव,
गर्भाशय का कैंसर,
बवासीर (मस्से),
कील-मुहाँसे एवं फोड़े-फुंसी,
वृद्धत्व व त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ना,
एनीमिया (रक्त की कमी), मोटापा,
क्षयरोग (टी.बी.), कैंसर,
पेशाब की समस्त बीमारियाँ (पथरी, धातुस्राव आदि),
सूजन, बुखार, एसिडिटी (अम्लपित्त),
वात-पित्त-कफ जन्य रोग,
सिरदर्द, जोड़ों का दर्द,
हृदयरोग व बेहोशी,
आँखों की समस्त बीमारियाँ,
मेनिंजाइटिस, प्रदररोग,
गैस की तकलीफ व कमर से संबंधित रोग,
मानसिक दुर्बलता,
पेट के रोग आदि।

इस अनुभूत प्रयोग से बहुतों को लाभ हुआ है। आप भी लाभ उठाइये। मंदाग्नि, वायुरोग व जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगी गुनगुने पानी का प्रयोग करें। यदि गर्म न पड़े तो उसमें  1 से 2 काली मिर्च का पाउडर या सोंठ अथवा अजवायन मिला सकते हैं।

चार गिलास पानी एक साथ पीने से स्वास्थ्य पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ता। आरम्भ के दो-चार दिनों तक पेशाब कुछ जल्दी-जल्दी आयेगा लेकिन बाद में पूर्ववत् हो जायेगा। 

गुर्दों की तकलीफ वाले सवा लीटर पानी न पियें, उन्हें चिकित्सक से सलाह लेकर पानी की मात्रा निर्धारित करनी चाहिए।

0 comments:

Post a Comment

Categories

Powered by Blogger.

Social Icons

.

Featured Posts

.

Follow us Facebook

Health Beauty Tips

Popular Posts