कई बार सिर में ऐसा दर्द होता है जो नाकाबिले बर्दाश्त हो जाता है। सिरदर्द कई कारणों से होता है, जिनमें तनाव और थकान प्रमुख हैं। हालांकि, कई बार गैस के कारण भी सिर में दर्द होता है। जब पेट की गैस ऊपर चढती है और पास नहीं हो पाती है तो यह दिल और दिमाग पर असर करती है, जिसके कारण सिरदर्द होता है। आइए हम आपको सिरदर्द से बचने के घरेलू उपाय के बारे में बताते हैं।
सिरदर्द से बचने के घरेलू उपचार –
सिरदर्द होने पर बिस्तर पर लेटकर दर्द वाले हिस्से को बेड के नीचे लटका दीजिए। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उस तरफ वाले नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल दीजिए, उसके बाद जोर से सांसों को ऊपर की तरफ खींचिए इससे सिरदर्द से राहत मिलेगी।
सिरदर्द होने पर दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर माथे पर पतला लेप कर लगा लीजिए। लेप सूख जाने पर उसे हटा लीजिए। 3-4 लेप लगाने पर सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।
पुष्कर मूल को चंदन की तरह घिसकर उसके लेप को माथे पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता है।
मुलहठी को कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण को नाक के पास ले जाकर सूंघने से सिरदर्द में राहत मिलती है।
सिरदर्द होने पर पीपल, सोंठ, मुलहठी, सौंफ, कूठ इन सबको लगभग 10-10 ग्राम लेकर पीसकर चूर्ण बना लीजिए। उसके बाद इस चूर्ण में एक चम्मुच पानी मिलाकर गाढा लेप बना बना लीजिए। इस लेप को माथे पर लगाइए। सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।
गोदन्ती भस्म व प्रवाल भस्म और छोटी इलायची के दाने। तीनों को पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। सुबह उठकर खाली पेट थोडा सा चूर्ण लेकर दही और पानी के साथ पीजिए। इससे सरदर्द की समस्या से निजात मिलेगी।
तौलिये को हल्केक गर्म पानी में डालकर उस तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश कीजिए। इससे सिरदर्द में फायदा होगा।
सिरदर्द कई बार अचानक शुरू होता है और अक्सर अपने आप ठीक भी हो जाता है। सिरदर्द में हाथों के स्पर्श से मिलने वाला आराम किसी भी दवा से ज्यादा असरदायक होता है। अगर इन नुस्खों को अपनाने के बावजूद भी सिरदर्द से राहत न मिले तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए।
सिरदर्द से बचने के घरेलू उपचार –
सिरदर्द होने पर बिस्तर पर लेटकर दर्द वाले हिस्से को बेड के नीचे लटका दीजिए। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उस तरफ वाले नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल दीजिए, उसके बाद जोर से सांसों को ऊपर की तरफ खींचिए इससे सिरदर्द से राहत मिलेगी।
सिरदर्द होने पर दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर माथे पर पतला लेप कर लगा लीजिए। लेप सूख जाने पर उसे हटा लीजिए। 3-4 लेप लगाने पर सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।
पुष्कर मूल को चंदन की तरह घिसकर उसके लेप को माथे पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता है।
मुलहठी को कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण को नाक के पास ले जाकर सूंघने से सिरदर्द में राहत मिलती है।
सिरदर्द होने पर पीपल, सोंठ, मुलहठी, सौंफ, कूठ इन सबको लगभग 10-10 ग्राम लेकर पीसकर चूर्ण बना लीजिए। उसके बाद इस चूर्ण में एक चम्मुच पानी मिलाकर गाढा लेप बना बना लीजिए। इस लेप को माथे पर लगाइए। सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।
गोदन्ती भस्म व प्रवाल भस्म और छोटी इलायची के दाने। तीनों को पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। सुबह उठकर खाली पेट थोडा सा चूर्ण लेकर दही और पानी के साथ पीजिए। इससे सरदर्द की समस्या से निजात मिलेगी।
तौलिये को हल्केक गर्म पानी में डालकर उस तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश कीजिए। इससे सिरदर्द में फायदा होगा।
सिरदर्द कई बार अचानक शुरू होता है और अक्सर अपने आप ठीक भी हो जाता है। सिरदर्द में हाथों के स्पर्श से मिलने वाला आराम किसी भी दवा से ज्यादा असरदायक होता है। अगर इन नुस्खों को अपनाने के बावजूद भी सिरदर्द से राहत न मिले तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए।
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