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Sunday, 20 September 2015

अंगूर में हैं अनेक गुण
अंगूर एक सुगंधित लता वाला फल है। अंगूर की पांच जातियां - तीन हरे और दो काले रंग की होती हैं। अंगूर में भस्म, अम्ल, शर्करा, गौंद, ग्लूकोज, कषाय द्रव्य, साइट्रिक, हाइट्रिक, रैसेमिक और मौलिक एसिड, सोडियम और पोटेशियम और क्लोराइड मेग्नीशियम आदि होता है।

अंगूर की खासियत है कि इसका प्रयोग रोगी, निरोगी, बच्चे, बूढ़े, युवा, गर्भवती अथवा दूध पिलाने वाली माता, कमजोर या पहलवान सभी कर सकते हैं। अंगूर मधुमेह और कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद है। अंगूर में हेरोस्टिलवेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो एण्टीआक्सीडेंट है। अंगूर खून में से शूगर की मात्रा को कम करता है।

इसलिए मधुमेह रोगी के लिए भी अंगूर उपयोगी है। हरे अंगूरों की तुलना में काले अंगूरों में ओरोस्टिलवेन की मात्रा अधिक होती है जिसे खाने से खून का संचार बदलता है। एनीमिया होने पर अंगूर खाने से तुरंत फायदा होता है। अंगूर ग्लूकोज, शुगर, आयरन, खून की कमी को दूर करता है। आधा कप अंगूर रस नित्य पीने से खून की कमी दूर होती है।


अंगूर में पानी की मात्रा अधिक होती है और इसके साथ ही इसमें शर्करा, सोडियम, पोटेशियम, साइट्रिक एसिड, फलोराइड, पोटेशियम सल्फेट, मैगनेशियम और लौह तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। जो कि व्यक्ति को स्‍वस्‍थ रखने में लाभकारी हैं। अंगूर के सेवन मात्र से बहुत से रोगों से निजात पाई जा सकती है।
अंगूर आंखों के लिए भी बहुत लाभकारी है और यह रक्त की कमी को भी दूर करता है।
शोधों में भी साबित हो चुका है कि अंगूर हृदय के लिए अत्यधिक लाभदायक होता है। गौरतलब है कि अंगूर में एक ऐसा रसायन पाया जाता है, जो हृदय को वृद्धावस्था के प्रभावों से बचाता है।
अंगूर एक कम कैलोरी वाला आहार है जो व्याक्ति को लंबी आयु देता है और व्यक्ति वृद्धावस्था में भी जल्द कदम नहीं रखता। यानी व्‍यक्ति एकदम फिट रहता है।
अंगूर में ए, बी, सी जैसे विटामिन और पोटैशियम, मैगनेशियम , आयरन और फास्फोरस जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो कि शरीर को स्वस्थ रखने में लाभकारी है।
अवसाद दूर करने के लिए अंगूर काफी प्रभावी है। यह फल दुख, चिंता तथा तनाव दूर करने में अत्यधिक प्रभावशाली होता है। डॉक्टर्स की मानें तो हृदय की गड़बडि़यां अवसाद के कारण होती है।
यह फल, शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और रक्त को साफ करता है तथा रक्त वर्धक होने के कारण सुस्ती दूर करता है।
अंगूर कर रस चेहरे के दाग धब्बों और झुर्रियों को दूर करता है और उसे ताज़गी प्रदान करता है।
अंगूर के सेवन से फेफडों मे जमा कफ निकल जाता है, इससे खाँसी में भी आराम मिलता है।
डॉक्टर्स अंगूर को बदहजमी, उच्च रक्तचाप, और चर्म रोगों, जी मिचलाने, घबराहट, चक्कर आने वाली बीमारियों में भी लाभदायक मानते हैं।
नकसीर एवं पेशाब में होने वाली रूकावट, श्वास रोग व वायु रोगों को दूर करने में भी अंगूर का प्रयोग हितकर है।
चोट लगने या खून बहने की स्थिति में यदि शहद के साथ अंगूर का जूस मिलाकर दिया जाए तो रक्त की कमी को दूर किया जा सकता है।
आंखों, त्वचा व बालों को चमकदार बनाने के लिए अंगूर का सेवन अच्छा रहता है। विटामिन ए की भरपूर मात्रा होने के कारण यह पाचन शक्ति को भी ठीक रखता है।
एनीमिया में अंगूर से बढकर कोई दवा नहीं है। इसके साथ ही गठिया रोग में भी अंगूर का सेवन करना चाहिए, क्योंकि यह शरीर में से उन तत्वों को बाहर निकालता है जिसके कारण गठिया होता है।
बाल टूटने की समस्या, दांत हिलने, त्वचा में ढीलापन, जोड़ो में दर्द और अकड़न इत्यादि रोगों को दूर करने में अंगूर लाभदायक है।
फोडे-फुन्सियों एवं मुहासों को दूर करने और मुँह के घावों एवं छालों से राहत पाने के लिए अंगूर का सेवन अच्छा रहता है।
अंगूर की और भी कई खासियत हैं। यदि आप अंगूर के जूस या अंगूर का सेवन करेंगे तो यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए और आपकी सेहत बनाने के लिए यह बहुत ही लाभदायक फल है।


अंगूर के फायदे के बारे में जानते हैं -

1.जुकाम में प्रतिदिन 50 ग्राम अंगूर खाने से जुकाम से छुटकारा मिल जाता है।
2.अंगूर खाने से ब्‍लड प्रेशर भी सामान्य रहता है।
3.कैंसर रोग में पहले तीन दिन थोड़े अंगूर का रस सेवन करें फिर धीरे-धीरे एक गलास तक पानी की आदत डालें। टायफाइड बुखार में मुनक्का सेवन करना फायदेमंद रहता है। इससे पेट साफ होता है तथा मल भी जमा नहीं होता।
4.चेचक के रोगी को अंगूर खिलाने से आराम मिलता है।
5.आधे सिर के रोगी को जिसमें दर्द सूर्योदय से पहले प्रारम्भ होता है। सूर्य के साथ ही बढ़ता जाता है। इस स्थिति में आधा कप अंगूर का रस सूर्योदय से पहले पीने से सिरदर्द ठीक हो जाता है।

6.हृदय में दर्द हो तो अंगूर का आधा कप रस पीने से आराम मिलता है।
7.अंगूर को नमक, काली-मिर्च के साथ खाने से कब्ज में लाभ होता है।
8.गुर्दे के दर्द में अंगूर के ताजा पत्ते लगभग 50 ग्राम पानी में पीसकर थोड़ा नमक मिलाकर छान लें रोगी को पिलाने से दर्द में लाभ होता है।

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