विशेषज्ञों ने कहा है कि घी, नारियल तेल और सरसों तेल जैसे खाना पकाने के पारंपरिक भारतीय तेल आधुनिक समय के ‘रिफाइंड’ या जैतून के तेल से ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक हैं। गंगा राम अस्पताल के हृदय रोग विभाग के डॉ एससी मनचंदा ने बताया, 'खाना पकाने का तेल भारतीय आहार का एक अभिन्न हिस्सा है।
यह अवलोकन इंडियन हर्ट जर्नल में एक संपादकीय में किया गया है।
जन स्वास्थ्य पोषण कंसलटेंट संतोष जैन पास्सी ने बताया कि रिफाइंड तेलों से दूर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि रिफाइनिंग की प्रक्रिया में तेल को अत्यधिक तापमान पर गर्म किया जाता है जिससे उनका क्षरण होता है और जहरीले पदार्थ पैदा होते हैं।
उन्होंने बताया, 'रिफाइंड तेल तेजी से खराब हो जाते हैं और इसलिए उन्हें तलने से बचना चाहिए। इसके उलट संतृप्त वसाओं (जैसे घी, नारियल तेल) को भारतीय व्यंजन पकाने में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि वे तलने के दौरान तुलनात्मक रूप से स्थिर रहते हैं।
रिफाइंड से बेहतर है पारंपरिक भारतीय खाद्य तेल | Indian cooking oil is better than refined oil:
लोगों को आमतौर पर बाजार में उपलब्ध कई तरह के खाद्य तेलों से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि खाना पकाने की भारतीय विधियों (जिनमें तलना शामिल है) में घी, नारियल तेल और सरसों तेल जैसे हमारे परंपरागत तेल स्वास्थ्य लाभों के मामले में ‘रिफाइंड’ और अन्य तेलों से बेहतर हैं।यह अवलोकन इंडियन हर्ट जर्नल में एक संपादकीय में किया गया है।
जन स्वास्थ्य पोषण कंसलटेंट संतोष जैन पास्सी ने बताया कि रिफाइंड तेलों से दूर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि रिफाइनिंग की प्रक्रिया में तेल को अत्यधिक तापमान पर गर्म किया जाता है जिससे उनका क्षरण होता है और जहरीले पदार्थ पैदा होते हैं।
उन्होंने बताया, 'रिफाइंड तेल तेजी से खराब हो जाते हैं और इसलिए उन्हें तलने से बचना चाहिए। इसके उलट संतृप्त वसाओं (जैसे घी, नारियल तेल) को भारतीय व्यंजन पकाने में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि वे तलने के दौरान तुलनात्मक रूप से स्थिर रहते हैं।
0 comments:
Post a Comment