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Sunday, 2 April 2017

Yoga Breathing Exercise Kapalbhati Benefits:


योग के ही कुछ प्राणायाम और ध्यान की तकनीक को मिलाकर ही आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने सुदर्शन क्रिया और नव संन्यास तथा कम्यून कांसेप्ट के प्रणेता ओशो ने सक्रिय ध्यान की विधियाँ विकसित की हैं। आसनों में सूर्य नमस्कार, प्राणायामों में कपालभाती और ध्यान में ‍विपश्यना का महत्वपूर्ण स्थान है।

कपालभाती प्राणायाम को हठयोग में शामिल किया गया है। प्राणायामों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है। यह तेजी से की जाने वाली रेचक प्रक्रिया है। मस्तिष्क के अग्र भाग को कपाल कहते हैं और भाती का अर्थ ज्योति होता है।


कपालभाती प्राणायाम के फायदे:

विधि: 
सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर साँसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। साँसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देना है। ध्यान रखें कि श्वास लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में श्वास स्वत: ही अंदर चली जाती है।

● Timing = 15min in morning and 15 min evening in empty stomach. 
लाभ :
● यह प्राणायाम आपके चेहरे की झुर्रियाँ और आँखों के नीचे का कालापन हटाकर चेहरे की चमक बढ़ाता है। 
● दाँतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। 
● शरीर की चरबी कम होती है। कब्ज, गैस, एसिडिटी की समस्या में लाभदायक है।
● शरीर और मन के सभी प्रकार के नकारात्मक तत्व और विचार मिट जाते हैं।
● थायराइड को कम करता है।
● पेट का मोटापा कम करता है।
● कब्ज खत्म करने में मदद करता है। । पाचन तंत्र को बढता है।
● स्किन एलर्जी और संक्रमण का इलाज करता है।

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