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Wednesday, 26 August 2015

रेकी कोर्स
रेकी की पांच डिग्री होती हैं. फर्स्ट डिग्री, सेकंड डिग्री, थर्ड डिग्री, मास्टरशिप एवं ग्रांडमास्टरशिप

रेकी प्रथम डिग्री कोर्स-
यह बेसिक कोर्स है जिसे सीखकर हर व्यक्ति स्वयं को तथा दूसरों को रेकी उर्जा द्वारा रोगमुक्त व स्वस्थ करना सीख जाता है तथा हाथों द्वारा धरती की सभी सजीव, निर्जीव वस्तुऐं, पेड-पौधे, आहार इत्यादि संतुलित कर अधिक उर्जावान बना सकता है.

इस कोर्स में क्या सिखाया जाता है?
१. रेकी के सिद्धांत, वैज्ञानिक आधार, इतिहास तथा इसके चमत्कारिक लाभ.
२. शक्तिपात द्वारा रेकी उर्जा का जागरण -- जीवन का एक यादगार अनुभव.
३. स्वयं को शिथलीकरण एवं अल्फ़ा लेवल (ध्यानस्थ अवस्था) में ले जाने की सरल विधि.
४. आभामंडल यानी औरा को पहचानने तथा निदान के लिए हाथों को संवेदनशील बनाने की तकनीक.
५. आभामंडल (AURA) की सफाई करने की व्यावहारिक विधियाँ, दर्द, बुखार, तकलीफों में तुरंत राहत देने वाली एक अदभुत तकनीक.
६. यंत्र द्वारा हर एक के आभामंडल को प्रत्यक्ष, शीघ्र पहचानने की सरलतम तकनीक तथा हर एक आभामंडल को शक्तिशाली बनाने के रहस्य.
७. स्वयं को तथा दूसरों को रेकी देने कि व्यावहारिक विधि तथा रेकी द्वारा विविध रोगों की चिकित्सा एवं निदान.
८. चक्र विज्ञानं - उसको सचेत एवं संतुलित करने कि विधि.
९. मानसिक रेचन ध्यान दबी हुई नकारात्मक भावनाएं तथा विकारों को उखाडकर निर्मल करने की विश्व की एकमात्र शक्तिशाली पद्धति.
१०. जीवन को सही दृष्टिकोण देने वाले तथा सम्पूर्ण रूपांतरित करने वाले रेकी के पांच अमूल्य सिद्धांत.
११. रोग, दवा, दुःख एवं डाक्टरों से स्थाई मुक्ति देने वाले, रोग के मूलभूत कारणों पर चर्चा तथा उनका निराकरण, रेकी में निश्चित सफल होने के रहस्य.
१२. सजीव-निर्जीव, पेड-पोधे, जीव- जंतु, जानवर, खाद्य पदार्थ, दवा, रत्न जैसी अनेक वस्तुओं की उर्जा दुगुनी करने का रहस्य.
१३. स्फटिक विज्ञान के रेकी में चमत्कारिक प्रयोग इत्यादि अनेकों विषय की विस्तृत जानकारी.

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