क्या आप पीठ दर्द की वजह से जमीन पर गिरी चीजें नहीं उठा पाते? क्या आपको देर तक बैठने में दिक्कत होती है? अगर हां तो आपको जरूरत है तुरंत अपने पीठ
के दर्द की तरफ ध्यान देने की और इस परेशानी का इलाज ढूंढने की क्योंकि इन सर्दियों में आपकी पीठ का दर्द आपका जीना भी मुहाल कर सकता है। लेकिन घबराइए मत
क्योंकि हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस बिन बुलाई बीमारी से आसानी से पीछा छुड़ा सकते हैं।
तेज रफ्तार से बदलती जिंदगी ने सबकी लाइफस्टाइल बदल दी और इससे मिला पीठ का दर्द। पीठ का दर्द एक आम समस्या के रूप में देखा जाता है लेकिन शायद आप ये
नहीं जानते कि अगर सर्दियों में इसे नजरअंदाज किया जाए तो ये बड़ी मुसीबत भी बन सकता है।
मालूम हो कि रोजमर्रा के काम गलत ढंग से करने से कमर और पीठ का दर्द होता है। एक स्टडी के मुताबिक हर चार में से एक महिला और हर दस में से एक पुरुष कमर
दर्द से पीड़ित है। जब हम गलत तरीके से लेटते हैं या बैठते हैं, तो संवेदनशील नाड़ियों और अन्य अंगों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है और बार-बार या लगातार इसके गलत
प्रभाव के कारण पीठ के दर्द की शिकायत हो जाती है। पीठ का दर्द अपने आप में कोई रोग नहीं हैं, बल्कि कई रोगों या गलत आदतों से पैदा हुआ एक लक्षण मात्र है।
इसलिए पीठ के दर्द को कभी भी नजर अंदाज न करें।
》 क्यों होता है पीठ का दर्द
- सीधे न बैठना या चलना
- जोड़ों का घिस जाना
- किसी प्रकार की चोट लगने के कारण
- अधिक बोझ पीठ पर लादकर चलना
- रीढ़ की हड्डी का खिसक जाना
- अधिक मोटापा
- कमर में मोच आ जाना, खेलकूद या यात्रा करते समय बार-बार झटके लगना
- बहुत अधिक मानसिक दबाव, तनाव, चिन्ता और थकावट। इससे पीठ की पेशियों में तनाव पैदा हो जता है जो कि पीठ दर्द का कारण बनता है
- व्यायाम की कमी के कारण
- ठीक ढंग से न सोना, फोम के गद्दे पर सोना व घंटों एक ही जगह बैठे रहना
- संतुलित भोजन के अभाव में
आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ शुरू होने वाले पीठ दर्द की शिकायत अब 20-40 वर्ष के उम्र में ही लोगों को होने लगी है। डॉक्टरों के अनुसार पीठ दर्द पीठ की मांसपेशियों,
डिस्क और लिगमेंट्स से जुड़ी 26 हडि्डयों में से किसी पर भी असर डाल सकता है।
》 पीठ दर्द के लक्षण
-पीठ के नीचले हिस्से या कमर में लगातार हल्का-हल्का दर्द होना
-शरीर में बहुत अधिक अकड़न तथा दर्द होता है
-हल्की सी भी चोट लगने पर बहुत तेज दर्द होना
-रोगी के कमर के नीचे के भाग में एक समान दर्द वाली अवस्था बनी रहती है
डॉक्टरों की मानें तो आमतौर पर शारीरिक व्यायाम और सही मुद्रा का ध्यान रखकर पीठ दर्द की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन पीठ दर्द से निपटने के लिए
शरीर को उचित पोषण मिलना भी जरूरी है। डॉक्टरों की राय में शारीरिक व्यायाम के साथ आहार का ध्यान रखना भी जरूरी है।
》 कैसे पाएं पीठ दर्द से छुटकारा
-हमेशा सीधे बैठना और चलना चाहिए
-आगे झुकने वाले आसन न करें और ज्यादा दर्द होने पर योग या व्यायाम न करें
-ज्यादा देर तक लगातार कुर्सी पर न बैठें। आधे-आधे घंटे के अंतराल पर उठकर थोड़ी देर टहल लेना चाहिए।
-कोई वजनदार चीज न उठाएं। अगर कभी कुछ वजनदार चीज उठाएं भी तो घुटनों को मोड़कर उठाएं ताकि कमर पर जोर न पड़े।
-अपने भोजन में ,अनाज, लौकी, तिल और हरी सब्जियों को शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
-इसके साथ ही विटामिन डी3 और विटामिन सी, कैल्सियम और फास्फोरस से भरपूर आहार भी पीठ दर्द में लाभकारी होता है।
पीठ में ज्यादा दर्द हो तो व्यक्ति को काम नहीं करना चाहिए और उसे आराम करना चाहिए। रोगी को ठोस बिस्तरे पर सोना चाहिए और उस अवस्था में बिल्कुल नहीं सोना
चाहिए, जिस अवस्था उसकी रीढ़ की हड्डी मुड़ी रहे। इसके अलावा कभी भी अपनी मर्जी से दर्द निवारक दवाईयां न लें। लापरवाही न करते हुए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
के दर्द की तरफ ध्यान देने की और इस परेशानी का इलाज ढूंढने की क्योंकि इन सर्दियों में आपकी पीठ का दर्द आपका जीना भी मुहाल कर सकता है। लेकिन घबराइए मत
क्योंकि हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस बिन बुलाई बीमारी से आसानी से पीछा छुड़ा सकते हैं।
तेज रफ्तार से बदलती जिंदगी ने सबकी लाइफस्टाइल बदल दी और इससे मिला पीठ का दर्द। पीठ का दर्द एक आम समस्या के रूप में देखा जाता है लेकिन शायद आप ये
नहीं जानते कि अगर सर्दियों में इसे नजरअंदाज किया जाए तो ये बड़ी मुसीबत भी बन सकता है।
मालूम हो कि रोजमर्रा के काम गलत ढंग से करने से कमर और पीठ का दर्द होता है। एक स्टडी के मुताबिक हर चार में से एक महिला और हर दस में से एक पुरुष कमर
दर्द से पीड़ित है। जब हम गलत तरीके से लेटते हैं या बैठते हैं, तो संवेदनशील नाड़ियों और अन्य अंगों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है और बार-बार या लगातार इसके गलत
प्रभाव के कारण पीठ के दर्द की शिकायत हो जाती है। पीठ का दर्द अपने आप में कोई रोग नहीं हैं, बल्कि कई रोगों या गलत आदतों से पैदा हुआ एक लक्षण मात्र है।
इसलिए पीठ के दर्द को कभी भी नजर अंदाज न करें।
》 क्यों होता है पीठ का दर्द
- सीधे न बैठना या चलना
- जोड़ों का घिस जाना
- किसी प्रकार की चोट लगने के कारण
- अधिक बोझ पीठ पर लादकर चलना
- रीढ़ की हड्डी का खिसक जाना
- अधिक मोटापा
- कमर में मोच आ जाना, खेलकूद या यात्रा करते समय बार-बार झटके लगना
- बहुत अधिक मानसिक दबाव, तनाव, चिन्ता और थकावट। इससे पीठ की पेशियों में तनाव पैदा हो जता है जो कि पीठ दर्द का कारण बनता है
- व्यायाम की कमी के कारण
- ठीक ढंग से न सोना, फोम के गद्दे पर सोना व घंटों एक ही जगह बैठे रहना
- संतुलित भोजन के अभाव में
आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ शुरू होने वाले पीठ दर्द की शिकायत अब 20-40 वर्ष के उम्र में ही लोगों को होने लगी है। डॉक्टरों के अनुसार पीठ दर्द पीठ की मांसपेशियों,
डिस्क और लिगमेंट्स से जुड़ी 26 हडि्डयों में से किसी पर भी असर डाल सकता है।
》 पीठ दर्द के लक्षण
-पीठ के नीचले हिस्से या कमर में लगातार हल्का-हल्का दर्द होना
-शरीर में बहुत अधिक अकड़न तथा दर्द होता है
-हल्की सी भी चोट लगने पर बहुत तेज दर्द होना
-रोगी के कमर के नीचे के भाग में एक समान दर्द वाली अवस्था बनी रहती है
डॉक्टरों की मानें तो आमतौर पर शारीरिक व्यायाम और सही मुद्रा का ध्यान रखकर पीठ दर्द की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन पीठ दर्द से निपटने के लिए
शरीर को उचित पोषण मिलना भी जरूरी है। डॉक्टरों की राय में शारीरिक व्यायाम के साथ आहार का ध्यान रखना भी जरूरी है।
》 कैसे पाएं पीठ दर्द से छुटकारा
-हमेशा सीधे बैठना और चलना चाहिए
-आगे झुकने वाले आसन न करें और ज्यादा दर्द होने पर योग या व्यायाम न करें
-ज्यादा देर तक लगातार कुर्सी पर न बैठें। आधे-आधे घंटे के अंतराल पर उठकर थोड़ी देर टहल लेना चाहिए।
-कोई वजनदार चीज न उठाएं। अगर कभी कुछ वजनदार चीज उठाएं भी तो घुटनों को मोड़कर उठाएं ताकि कमर पर जोर न पड़े।
-अपने भोजन में ,अनाज, लौकी, तिल और हरी सब्जियों को शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
-इसके साथ ही विटामिन डी3 और विटामिन सी, कैल्सियम और फास्फोरस से भरपूर आहार भी पीठ दर्द में लाभकारी होता है।
पीठ में ज्यादा दर्द हो तो व्यक्ति को काम नहीं करना चाहिए और उसे आराम करना चाहिए। रोगी को ठोस बिस्तरे पर सोना चाहिए और उस अवस्था में बिल्कुल नहीं सोना
चाहिए, जिस अवस्था उसकी रीढ़ की हड्डी मुड़ी रहे। इसके अलावा कभी भी अपनी मर्जी से दर्द निवारक दवाईयां न लें। लापरवाही न करते हुए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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