हम क्यों मनाते हैं बाल दिवस ? | Happy Children Day 2017

Wednesday, 12 October 2016

शंखपुष्पी से hyper Thyroid का इलाज:

गुण :--शंखपुष्पी दस्तावर , मेघा के लिए हितकारी , वीर्य वर्धक , मानसिक दौर्बल्य को नष्ट करने वाली , रसायन ,कसैली , गर्म , तथा स्मरण शक्ति , कान्ति बल और अग्नि को बढाने वाली एवम दोष , अपस्मार , भूत , दरिद्रता , कुष्ट , कृमि तथा विष को नष्ट करने वाली होती है l यह स्वर को उत्तम करने वाली , मंगलकारी ,

अवस्था स्थापक तथा मानसिक रोगों को नष्ट करने वाली होती है l

परिचय : ----मनुष्य के मस्तिष्क पर प्रमुख क्रिया करने वाली यह वनस्पति दिमागी ताकत और याददाश्त को बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है l

 

शंखपुष्पी का उपयोग | शंखपुष्पी के चमत्कारिक गुण और लाभ | शंखपुष्पी के अदभुत गुण व घरेलु उपाए (Shankhpushpi):

फूलों के भेद से यह तीन प्रकार की होती है (१) सफ़ेद फूल वाली (२) लाल फूल वाली और (३) नीले फूल वाली l तीनों के गुण एक सामान है l यह बेलों के रूप में जमीं पर फैली हुई होती है और एक हाथ से ऊँची नहीं होती l यह सारे भारत में पैदा होती है l

Using Shankpushpi:

(१)-दिमागी ताकत :--प्राय: छात्र -छात्राओं के पत्रों में दिमागी ताकत और स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए गुणकारी ओषधि बताने का अनुरोध पढने को मिलता रहता है l छात्र- छात्रओं के अलावा ज्यदा दिमागी काम करने वाले सभी लोगों के लिए शंखपुष्पी का सेवन अत्यन्त गुणकारी सिद्ध हुआ है l

इसका महीन पिसा हुआ चूर्ण , एक-एक चम्मच सुबह- शाम , मीठे दूध के साथ या मिश्री की चाशनी के साथ सेवन करना चाहिए l

(२) शुक्रमेह :----शंखपुष्पी का महीन चूर्ण एक चम्मच और पीसी हुई काली मिर्च आधी चम्मच दोनों को मिला कर पानी के साथ फाकने से शुक्रमेह रोग ठीक होता है l

(३) ज्वर में प्रलाप :---तेज बुखार के कारण कुछ रोगी मानसिक नियंत्रण खो देते है और अनाप सनाप बकने लगते है l एसी स्थिति में शंखपुष्पी और मिश्री को बराबर वजन में मिलाकर एक-एक चम्मच दिन में तीन या चार बार पानी के साथ देने से लाभ होता है और नींद भी अच्छी आती है l

(४) उच्च रक्तचाप :--उच्च रक्तचाप के रोगी को शंखपुष्पी का काढ़ा बना कर सुबह और शाम पीना चाहिए l दो कप पानी में दो चम्मच चूर्ण डालकर उबालें l जब आधा कप रह जाए उतारकर ठंडा करके छान लें l यही काढ़ा है l दो या तीन दिन तक पियें उसके बाद एक-एक चम्मच पानी के साथ लेना शुरू कर दें रक्तचाप सामान्य होने तक लेतें रहें l

(४) बिस्तर में पेशाब :----कुछ बच्चे बड़े हो जाने पर भी सोते हुए बिस्तर में पेशाब करने की आदत नहीं छोड़ते l एसे बच्चों को आधा चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह शाम चटा कर ऊपर से ठंडा दूध या पानी पिलाना चाहिए l यह प्रयोग लगातार एक महीनें तक करें l

0 comments:

Post a Comment

Categories

Powered by Blogger.

Social Icons

.

Featured Posts

.

Follow us Facebook

Health Beauty Tips

Popular Posts