हम क्यों मनाते हैं बाल दिवस ? | Happy Children Day 2017

Monday 14 November 2016

यह गरम मसाला तो है ही यह पाचन, वातहर, स्तंभण, गर्भाशय उत्तेजक, गर्भाशय संकोचक एवं शरीर उत्तेजक है। दालचीनी का तेल उत्तेजक है। दालचीनी सुगंधित, पाचक, उत्तेजक, और बैक्टीरियारोधी है। यह पेट रोग, इंफ्यूएंजा, टाइफाइड, टीबी और कैंसर जैसे रोगों में उपयोगी पाई गई हैं।दालचीनी का तेल बनता है। दालचीनी, साबुन, दांतों के मंजन, पेस्ट, चाकलेट, सुगंध व उत्तेजक के रूप में काम में आती है। 


Health Benefits of Dalchini:

  • चाय, काफी में दालचीनी डालकर पीने से स्वादिष्ट हो जाती है तथा जुकाम भी ठीक हो जाता है।
  • - दालचीनी का तेल दर्द, घावों और सूजन को नष्ट करता है।
  • - दालचीनी को तिल के तेल, पानी, शहद में मिलाकर उपयोग करना चाहिए। दर्द वाले स्थान पर मालिश करने के बाद इसे रातभर रहने देते है। मालिश अगरदिन में करें तो 2-3 घंटे के बाद धोएं।
  • - दालचीनी त्वचा को निखारती है तथा खुजली के रोग को दूर करती है
  • - दालचीनी सेहत के लिए लाभकारी है। यह पाचक रसों के स्त्राव को भी उत्तेजित करती है। दांतों की समस्याओं को दूर करने में भी यह उपयोगी है।
  • - रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • - दालचीनी का नियमित प्रयोग मौसमी बीमारियों को दूर रखता है।
  • - ठंडी हवा से होने वाले सिरदर्द से राहत पाने के लिए दालचीनी के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं।
  • - दालचीनी पाउडर में नीबू का रस मिलाकर लगाने से मुंहासे व ब्लैकहैड्स दूर होते हैं।
  • - दालचीनी, डायरिया व जी मिचलाने में भी औषधी के रूप में काम में लाई जाती है।
  • - मुंह से बदबू आने पर दालचीनी का छोटा टुकड़ा चूसें। यह एक अच्छी माउथ फ्रेशनर भी है।
  • - दालचीनी में एंटीएजिंग तत्त्व उपस्थित होते हैं। एक नीबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पांच मिनट के लिए शरीर पर लगाएं। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी।
  • - दालचीनी पाउडर की तीन ग्राम मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ लेने पर दस्त बंद हो जाते हैं
  • - आर्थराइटिस का दर्द दूर भगाने में शहद और दालचीनी का मिश्रण बड़ा कारगर है। 
  • -गंजेपन या बालों के गिरने की समस्या बेहद आम है। इससे छुटकारा पाने के लिए गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं।
  • - एक चम्मच दालचीनी पाउडर और पांच चम्मच शहद मिलाकर बनाए गए पेस्ट को दांत के दर्द वाली जगह पर लगाने से फौरन राहत मिलती है।
  • - सर्दी जुकाम हो तो एक चम्मच शहद में एक चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर दिन में तीन बार खाएं। पुराने कफ और सर्दी में भी राहत मिलेगी।
  • - पेट का दर्द-शहद के साथ दालचीनी पाउडर लेने पर पेट के दर्द से राहत मिलती है। 
  • - खाली पेट रोजाना सुबह एक कप गरम पानी में शहद और दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से फैट कम होता है। इससे मोटे से मोटा व्यक्ति भी दुबला हो जाता है।

दालचीनी के अद्भुत स्‍वास्‍थ्‍य लाभ:


मधुमेह के रोगियों के लिए :
दालचीनी मधुमेह को सन्तुलित करने के लिए एक प्रभावी ओषधि है, इसलिए इसे गरीब आदमी का इंसुलिन भी कहते हैं।

यह शरीर में रक्त शर्करा को भी नियंत्रण में रखता है। जिन लोगों को मधुमेह नहीं है वे इसका सेवन करके मधुमेह से बच सकते हैं। और जो मधुमेह के मरीज हैं वे इसके सेवन से ब्लड शुगर को कम कर सकते है।

सावधानी:- दालचीनी अल्प मात्रा में लें, इसे अधिक मात्रा में लेने से हानि हो सकती है। रोजाना थोड़ा-थोड़ा हीं सेवन करें। दालचीनी का सेवन करने से पहले आप अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

सेवन विधि:-
• 1 कप पानी में 1 छोटा चमच दालचीनी पाउडर को उबालकर, छानकर रोजाना सुबह पियें। इसे कॉफी में भी मिलाकर पी सकते हैं। इसे सेवन करने से मधुमेह में लाभ होगा। 
• रोज तीन ग्राम दालचीनी लेने से न केवल रक्त शर्करा की मात्रा कम होती है, बल्कि सही से भूख भी लगती है। 
• दालचीनी को पीसकर चाय में चुटकी भर मिलाकर रोज दिन में दो तीन बार पीएं। इससे मधुमेह की बीमारी में आराम मिलेगा। 
• दालचीनी और पानी के घोल के प्रयोग से रक्त में शर्करा के स्तर में कमी आ जाती है।
हृदय एवं हृदय-रोग:
शहद और दालचीनी के पाऊडर का पेस्ट बनाएँ और घी या जेली के स्थान पर इसे रोटी पर चुपड़कर खाएँ. इससे आपकी धमनियों में कॉलेस्ट्रोल जमा नहीं होगा और स्वस्थ लोग अगर इसका सेवन करें तो हार्ट-अटेक की सँभावना से सदैव बचे रहेंगे. जिन लोगों को एक बार हार्ट-अटेक का दौरा पड़ चुका है अगर वे इस प्रयोग को करेंगे तो अगले हार्ट अटेक से बचे रहेंगे. इसका नियमित उपयोग करने से साँस फूलने की कठिनाई दूर होती है तथा हृदय की धडकन में शक्ति का समावेश होता है.

जोड़ एवं संधिवात रोग:
संधिवात के रोगी को दो बड़े चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पाऊडर एक गिलास मामूली गर्म जल के साथ सुबह-शाम सेवन कराएँ. साथ ही नाश्ते से पूर्व एक बड़ा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पाऊडर का मिश्रण, गरम पानी के साथ देवें. इस प्रयोग से केवल एक सप्ताह में ही रोगी संधिवात के दर्द से करीब-करीब मुक्त हो जाता है. एक महीने के प्रयोग से तो ऐसे रोगी, जो संधिवात की वजह से चलने फिरने में असमर्थ हो गये हों, वे भी चलने फिरने लायक हो जाते हैं.

मूत्राशय का संक्रमण:
यूरिनरी-ब्लेडर में इन्फ़ेक्शन होने पर दो बड़े चम्मच दालचीनी का पाऊडर और एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर गरम पानी के साथ देने से मूत्रपथ के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं.

कोलेस्टरोल घटाने के लिये:
बढ़े हुए कॉलेस्ट्रोल की स्थिति में दो बड़े चम्मच शहद और तीन छोटे चम्मच दालचीनी पाऊडर को आपस में मिलाकर आधा लीटर मामूली गरम जल के साथ लेने पर सिर्फ़ २ घंटे में ही रक्त में कॉलेस्ट्रोल का स्तर १० प्रतिशत नीचे आ जाता है. और रोजाना कुछ दिनों तक, लगातार दिन में तीन बार लेते रहने से बढ़े-कॉलेस्ट्रोल से पीड़ित पुराने रोगी भी ठीक हो जाते हैं.

पेट की समस्याएँ:
शहद और दालचीनी के पाऊडर का मिश्रण लेने से पेट-दर्द और पेट के अल्सर जड़ से ठीक हो जाते हैं. जापान और भारत में किये गये रिसर्च से साबित हुआ है कि दालचीनी और शहद के प्रयोग से उदर की गैस का भी समाधान हो जाता है.

मुँहासे:
तीन बड़े चम्मच शहद और एक छोटी चम्मच दालचीनी पाऊडर का पेस्ट बनाकर रात को सोते वक्त चेहरे पर लगा लें और अगली सुबह गरम जल से धो लें. दो सप्ताह के प्रयोग से मुँहासे समाप्त होकर चेहरा कांतिमय बन जाता है.

त्वचा विकार:
दालचीनी और शहद की समान मात्रा को मिलाकर एक्ज़ीमा, दाद आदि पर लगाने से अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं, और अगर स्वस्थ व्यक्ति इस प्रयोग को अपनाएँ तो उन्हें कभी ये रोग नहीं होते हैं.

मोटापा निवारण:
एक छोटा चम्मच दाल चीनी पाऊडर एक गिलास जल में उबालें फ़िर आँच से उतारकर इसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ते से ३० मिनिट पूर्व सहता हुआ गरम पिएँ. ऐसा ही रात को सोने के पहले करें. यह उपचार नियमित रूप से लेने से शरीर की अनावश्यक चर्बी समाप्त होती है साथ ही ज्यादा कैलोरी वाला भोजन लेने पर भी शरीर में चर्बी नहीं बढ़ती है.

कैंसर:
जापान और आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों द्वारा आमाशय और अस्थि कैंसर की बड़ी हुई स्थिति को दालचीनी और शहद के उपयोग से पूरी तरह काबू में किया जा चुका है. ऐसे रोगियों को बस नियमित रूप से रोजाना, एक बडा चम्मच शहद और एक छोटी चम्मच दालचीनी के पाऊडर को प्रातः एवं सायंकाल एक गिलास गरम जल के साथ एक माह तक लेना चाहिये.

बहरापन:
दालचीनी और शहद बराबर मात्रा में लेने से बहरेपन में फायदा होता है. दिन में दो बार लेना हितकर है.

दीर्घ जीवन:
लंबी उम्र के लिये दालचीनी और शहद का नियमित उपयोग करें. इस हेतु तीन गिलास पानी उबालने के बाद इसमें चार छोटी चम्मच शहद और एक छोटी चम्मच दालचीनी का पाऊडर मिलाएँ, ऐसा एक चौथाई गिलास मिश्रण हर तीसरे घंटे से पिएँ. इससे त्वचा स्वच्छ और झुर्री रहित बनाने में मदद मिलती है. यह बुढ़ापे को दूर रखने का सर्वोत्तम उपाय है. 

रोग-प्रतिरोधक तंत्र:
शहद और दालचीनी के उपयोग से खून में श्वेत रक्त कणों की वृद्धि होती है और शरीर का इम्युन-सिस्टम ताकतवर बनता है. जिससे शरीर की रोगाणु और वायरस के हमले से सुरक्षा होती है. शरीर की जीवाणु और वायरल बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है.

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